By अभिनय आकाश | Jul 30, 2022
जनता का आक्रोश झेलने के बाद पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे 9 जुलाई को कोलंबो के सरकारी आवास से भाग खड़े हुए। जिसके कुछ दिन अपने ही देश में रहने के बाद वो मालदीव से होते हुए सिंगापुर चले गए। वहां से श्रीलंकाई संसद के अध्यक्ष को ईमेल द्वारा त्याग पत्र भेज दिया। गोटबाया के छिपने के बाद उनके महल पर गुस्साई भीड़ ने कब्जा कर लिया था। प्रदर्शनकारियों के एक वर्ग ने यह भी दावा किया कि वहां से भारी मात्रा में धन बरामद किया गया और पुलिस को सौंप दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार श्रीलंका पुलिस ने पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के आधिकारिक आवास से सरकार-विरोधी प्रदर्शनकारियों को मिली लाखों रुपये की नकद राशि एक अदालत के समक्ष पेश की।
कोलंबो कोर्ट में एक हलफनामे पुलिस ने यह भी कहा कि केंद्रीय अपराध जांच" के अनुसार गोटाबाया पैलेस से बरामद "श्रीलंकाई रुपए" की राशि 1 करोड़ 78 लाख 50 हजार (भारतीय मुद्रा में लगभग 40 लाख रुपए) से अधिक है। फोर्ट पुलिस राष्ट्रपति के आवास और उसके आसपास सुरक्षा और कानून व्यवस्था के लिए जिम्मेदार है। हालांकि, कोलंबो कोर्ट के जज ने सवाल किया कि फोर्ट पुलिस ने कोर्ट में भारी रकम तीन हफ्ते तक क्यों नहीं जमा कराई।
गौरतलब है कि देश की आर्थिक बदहाली से परेशान सैकड़ों प्रदर्शनकारी नौ जुलाई को मध्य कोलंबो के उच्च सुरक्षा वाले ‘फोर्ट’ इलाके में स्थित तत्कालीन राष्ट्रपति राजपक्षे के आवास में घुस आए थे। प्रदर्शनकारियों को राजपक्षे के आवास से एक करोड़ 78 लाख 50 हजार श्रीलंकाई रुपये बरामद हुए थे। एक ऑनलाइन पोर्टल ‘न्यू फर्स्ट’ ने बताया कि कोलंबो केंद्रीय अपराध जांच प्रभाग के प्रभारी पुलिस अधीक्षक ने फोर्ट मजिस्ट्रेट की अदालत के बृहस्पतिवार के आदेश के अनुपालन में शुक्रवार को यह राशि सौंपी।