CAA के खिलाफ जंतर मंतर पर सपा का धरना प्रदर्शन, योगी सरकार को भी बर्खास्त करने की मांग

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Dec 19, 2019

समाजवादी पार्टी दिल्ली प्रदेश इकाई ने गुरुवार को जंतर मंतर पर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को बर्खास्त करके राष्ट्रपति शासन लागू करने और केंद्र सरकार द्वारा लाये गये संशोधित नागरिकता कानून को तुरंत वापस लेने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया। धरने को दिये गये अपने संदेश में दिल्ली प्रदेश सपा इकाई की पूर्व अध्यक्ष उषा यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश और दिल्ली सहित पूरे देश में महिलाओं एवं बालिकाओं की स्थित बिद से बदतर होती जा रही है। कमरतोड़ महंगाई और कुशासन से राज्य की आम जनता कराह रही है। उन्होंने पार्टी कार्यकर्त्ताओं का आह्वान किया कि केंद्र व उत्तर प्रदेश की जनविरोधी सरकार को उखाड़ फेंकने के लिये एकजुट हों।

धरने को संबोधित करते हुये समाजवादी पार्टी दिल्ली प्रदेश इकाई के पूर्व प्रमुख महासचिव एवं प्रवक्ता आरएस यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी पिछले कई महीनों से उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग करती आ रही है। हम पहले भी जंतर मंतर पर शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन करके राष्ट्रपति महोदय को ज्ञापन भी सौंप चुके हैं। लेकिन हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। आप सब जानते हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने भी हाल ही में दो बार कहा था कि उत्तर प्रदेश में जंगल राज है। आरएस यादव ने कहा कि हम यहां फिर अपनी आवाज उठाने आये हैं। सरकार को बताने आये हैं कि उत्तर प्रदेश ही नहीं अब पूरे देश में हालात बद से बदतर बदतर होते जा रहे हैं। राज्य का किसान बदहाल है। जनता बेरोजगारी, बलात्कार और महंगाई की मार से त्राहि−त्राहि कर रही है। उन्हांेने कहा कि केंद्र सरकार की जन विरोधी नीतियों और विशेष रूप से नागरिकता संशोधन कानून के लागू होने के बाद उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में सामाजिक विभाजन के हालात पैदा हो गये हैं। बेरोजगार, नौजवान, छात्र−छात्राएं सबके सब आंदोलित हैं। ऊपर से गृह मंत्री कहते हैं कि एनआरसी आयेगा। रेल मंत्री कहते हैं कि विरोधियों को सीधे गोली मार दो। यह कौन सा लोकतंत्र है।

आरएस यादव ने कहा कि देशद्रोहियों की संख्या बढ़ती जा रही है। नागरिकता कानून और एनआरसी के विरोध के उठने वाली आवाज को पुलिस के दमन और उत्पीड़न से दबाने की सरकार की कोशिश के बावजूद पूरे देश में प्रतिरोध बढ़ता जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम यहां से अपने कार्यकर्ताओं को यह संदेश भी देने आये हैं कि देश में शुरू हुए इस अहिंसक आंदोलन को हिंसक न बनने दिया जाय। उन्होंने कहा कि हमें अहिंसक तरीके से अपने प्रतिरोध को तेज करना है। मारेंगे नहीं, लेकिन मानेंगे भी नहीं और हमला चाहे जैसा हो, हाथ हमारा नहीं उठेगा। 70 के दशक में इन नारों के सहारे हमने केंद्र की जनविरोधी सत्ता को उखाड़ फेंका था। उन्होंने कहा कि इसी मंत्र के सहारे हम केंद्र और उत्तर प्रदेश की जन विरोधी सरकारों को एक बार फिर उखाड़ फेंकेंगे। यह हम सबका संकल्प है। संकल्प का कोई विकल्प नहीं होता। हम सरकार की लाठी−गोली से डरने वाले नहीं हैं। हम सड़क पर संघर्ष करने वाले लोग हैं। सड़क पर हमारा संघर्ष तेज होगा। आरएस यादव ने कहा कि यह दुर्भाग्य की बात है कि केंद्र सरकार बहुमत के आधार पर जनमत की अनदेखी कर रही है। आज हमारे राष्ट्रपुरुष महात्मा गांधी, लोकनायक जय प्रकाश नारायण, बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के सपनों के भारत की आत्मा पर प्रहार किया जा रहा है। हम इन नेताओं के समाजवादी विचारधारा को पहुंचाई जा रही चोट को कतई सहन नहीं करने वाले हैं। उन्होंने कहा कि हमने एक बार फिर से अपनी मांगों का एक ज्ञापन महामहिम राष्ट्रपति महोदय को दिया है। हमारी मांग है कि राष्ट्रपति देश के मौजूदा हालात के मद्देनजर सरकार को निर्देश दें कि वह नागरिकता संशोधन कानून को तुरंत वापस ले और उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को जल्द से जल्द बर्खास्त करके वहां राष्ट्रपति शासन लगाया जाय।

 

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