सोनिया कर रही हैं हिंसा का राजनीतिकरण, शाह के इस्तीफे की मांग हास्यापद: भाजपा

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Feb 26, 2020

नयी दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर उत्तर पूर्वी दिल्ली के इलाकों में हुई हिंसा की घटनाओं का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाते हुए भाजपा ने बुधवार को कहा कि अब हिंसा समाप्त हो रही है और सच्चाई सामने लाने के लिये जांच भी शुरु हो गई है, ऐसे में सभी दलों की प्राथमिकता शांति स्थायी होनी चाहिए। साथ ही पार्टी ने गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की कांग्रेस की मांग को हास्यापद करार दिया। 

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भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने दिल्ली की हिंसा पर जो बयान दिया है, वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है।’’ उन्होंने कहा कि दिल्ली में हिंसा समाप्त हो रही है और सच्चाई सामने लाने के लिये जांच भी शुरु हो गई है। ‘‘हमारा विश्वास है कि पुलिस की जांच में सच्चाई सामने आएगी।’’

जावड़ेकर ने गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की कांग्रेस की मांग को हास्यास्पद बताते हुए कहा कि वे पहले दिन से ही शांति बहाली के प्रयास में लगे हुए थे। गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा के लिए गृह मंत्री अमित शाह को जिम्मेदार ठहराते हुए आज कहा कि उन्हें तत्काल इस्तीफा देना चाहिए। सोनिया ने आरोप लगाया ‘‘यह (हिंसा) एक सोचा-समझा षड्यंत्र है। भाजपा के कई नेताओं ने भड़काऊ बयान देकर नफरत और भय का माहौल पैदा किया।’’ 

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भाजपा के वरिष्ठ नेता जावड़ेकर ने किसी का नाम लिये बिना कहा कि जांच में यह बात भी सामने आ जायेगी कि किसने पथराव की तैयारी की, किसने वाहनों में आग लगायी और कौन पिछले दो माह से लोगों को उकसा रहा था। उन्होंने कहा ‘‘कांग्रेस पूछ रही है कि अमित शाह कहां थे? अमित शाह ने कल सभी दलों की बैठक ली, जिसमें आप पार्टी के साथ-साथ कांग्रेस के नेता भी उपस्थित थे।’’ केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कांग्रेस की ऐसी टिप्पणियों से पुलिस का मनोबल गिरता है।

जावड़ेकर ने कहा ‘‘अब हिंसा समाप्त हो रही है और सबका एक मात्र लक्ष्य है कि हिंसा पूर्ण रूप से रुके और स्थायी शांति हो। चर्चा के लिए तो संसद का सत्र है, वहां चर्चा कर सकते हैं।’’ उन्होंने कहा कि अभी जांच की शुरुआत हुई है, ऐसे में सभी दलों की प्राथमिकता शांति स्थायी होना चाहिए। ‘‘लेकिन कांग्रेस इसके बजाय दोषारोपण करने लगी जिसकी हम भर्त्सना करते हैं। जिनके हाथ सिखों के खून से रंगे हों, वह यहां हिंसा रोकने में सफलता या असफलता की बात कर रहे हैं।’’

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भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि कांग्रेस की यही राजनीति है इसलिए जनता ऐसी टिप्पणियों पर संज्ञान ही नहीं लेती। उन्होंने कहा ‘‘हम उस स्तर पर जाना नहीं चाहते कि कौन कहां है, क्योंकि फिर लोग पूछेंगे कि (राहुल) बाबा कहां हैं?’’ गौरतलब है कि उत्तर पूर्वी दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) का समर्थन करने वाले और विरोध करने वाले समूहों के बीच संघर्ष ने साम्प्रदायिक रंग ले लिया था। उपद्रवियों ने कई घरों, दुकानों तथा वाहनों में आग लगा दी और एक-दूसरे पर पथराव किया।

इन घटनाओं में बुधवार तक कम से कम 20 लोगों की जान चली गई और करीब 200 लोग घायल हो गए। जावड़ेकर ने तंज किया कि आज बालाकोट के पराक्रम को एक साल हो रहा है और उन्होंने बालाकोट पर भी ऐसे ही सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा ‘‘देश के प्रयासों में मदद करने के बजाय कुछ लोग केवल राजनीति करना चाहते हैं, इसकी हम भर्त्सना करते हैं ।’’ 

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