By अनुराग गुप्ता | Apr 16, 2022
नयी दिल्ली। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने शनिवार को कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी के साथ उन्हीं के आवास पर बैठक की। इस बैठक में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल, अंबिका सोनी, मल्लिकार्जुन खड़गे, जयराम रमेश समेत इत्यादि नेतागण मौजूद रहे। प्राप्त जानकारी के कांग्रेस अध्यक्षा के साथ हुई बैठक में प्रशांत किशोर ने आगामी चुनावों की रणनीति पर चर्चा की और पार्टी के पुनरुद्धार के तरीकों को तैयार करने की योजना बनाई है।
चुनावी रणनीति पर हुई चर्चा
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक प्रशांत किशोर ने 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर एक प्रेजेंटेशन दिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में 370 से 400 सीटों का लक्ष्य रखना चाहिए। इसके साथ ही प्रशांत किशोर ने कहा कि कांग्रेस जहां पर कमजोर है, वहां पर रणनीतिक गठबंधन करने की जरूरत है।
सूत्रों ने बताया कि प्रशांत किशोर ने रणनीतिक गठबंधन पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जिन सीटों पर कांग्रेस कमजोर है, वहां पर पार्टी को रणनीतिक गठबंधन करने की जरूरत है। इसके साथ ही प्रशांत किशोर के कांग्रेस में शामिल होने की संभावना जताई जा रही है। आपको बता दें कि प्रशांत किशोर बिना किसी शर्त के कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। ऐसे में काम करने के लिए प्रशांत किशोर कांग्रेस के भीतर एक छोटा सा ग्रुप तैयार कर सकते हैं।
केसी वेणुगोपाल ने बताया कि 2024 में होने वाले चुनाव को लेकर प्रशांत किशोर ने एक प्रेजेंटेशन पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और कुछ बड़े नेताओं के सामने पेश की। उनके इस प्रेजेंटेशन पर समीक्षा के लिए टीम बनाई जाएगी, जो कुछ समय बाद अपनी रिपोर्ट सौंपेगी और उसके बाद आखिरी निर्णय लिया जाएगा।
बंगाल चुनाव के बाद बिगड़ी थी बात
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले प्रशांत किशोर की कांग्रेस के साथ बात बन गई थी और वो एआईसीसी पैनल के माध्यम से पार्टी में जुड़ने वाले थे लेकिन चुनावों के बाद स्थिति बदल गई और प्रशांत किशोर पीछे हट गए। उस वक्त उन्होंने ग्रैंड ओल्ड पार्टी पर निशाना भी साधा था।
कई हफ्तों से पीके के साथ चल रही बात
कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि पिछले कई हफ्तों से पार्टी नेतृत्व और किशोर के बीच मुख्य रूप से गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर बातचीत चल रही है। पार्टी गुजरात के एक जानेमाने पाटीदार चेहरा नरेश पटेल को भी साथ लेने का प्रयास कर रही है। इसके अतिरिक्त चिंतन शिविर के मुद्दे पर भी चर्चा हुई।
माना जा रहा है कि जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत करने और पार्टी में बदलाव का सुझाव देने के लिए इस महीने के अंत में विचार-मंथन सत्र आयोजित किया जाना है।