By अनुराग गुप्ता | Jul 26, 2022
नयी दिल्ली। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्षा सोनिया गांधी से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को नेशनल हेराल्ड मामले में पूछताछ की। ईडी ने सोनिया गांधी से दो दौर में 6 घंटे की पूछताछ की। जबकि 5 दिन पहले 21 जुलाई को ईडी ने कांग्रेस अध्यक्षा से 3 घंटे की पूछताछ की थी और सवाल खत्म नहीं होने की वजह से उन्हें फिर से 25 जुलाई को बुलाया गया था लेकिन फिर पूछताछ की तारीख को एक दिन बढ़ाकर 26 जुलाई की गई थी। सोनिया गांधी ने 21 जुलाई को जांच एजेंसी को 28 सवालों के जवाब दिए थे।
6 घंटे की हुई पूछताछ
ईडी ने मंगलवार को सोनिया गांधी से दो दौर में 6 घंटे तक पूछताछ की। पहले दौर में सुबह 11 बजे से लेकर 1:30 बजे तक पूछताछ चली। इसके बाद सोनिया गांधी को लंच ब्रेक दिया गया। इसके बाद कांग्रेस अध्यक्षा दोबारा से ईडी कार्यालय पहुंचीं, जहां पर साढ़े तीन घंटे और पूछताछ की गई। जिसके बाद सोनिया गांधी ईडी कार्यालय से गाड़ी में बैठकर अपने घर चली गईं।
खत्म नहीं हुए ईडी के सवाल
ईडी के सवाल अभी समाप्त नहीं हुए हैं। जांच एजेंसी ने एक बार फिर से सोनिया गांधी को बुधवार को पूछताछ के लिए बुलाया है। अधिकारियों ने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष दोपहर करीब दो बजे ईडी कार्यालय से निकलीं थी और दोपहर करीब साढ़े तीन बजे दोबारा पहुंचीं। अधिकारियों ने बताया कि प्रियंका गांधी ईडी कार्यालय के एक अन्य कमरे में रुकीं, ताकि जरूरत पड़ने पर वह अपनी मां से मिल सकें और उन्हें दवाएं या चिकित्सा सहायता मुहैया करा सकें।
माना जा रहा है कि सोनिया गांधी से एजेंसी ने समाचार पत्र के कामकाज एवं संचालन, इसके विभिन्न पदाधिकारियों की भूमिका, नेशनल हेराल्ड तथा यंग इंडियन में उनकी और उनके बेटे की भागीदारी से जुड़े सवाल पूछे हैं। ऐसे में अब एजेंसी सोनिया गांधी के जवाबों को राहुल गांधी से मिले जवाब से मिलान कर सकती है।
कांग्रेस का सत्याग्रह
सोनिया गांधी के खिलाफ ईडी की कार्रवाई को लेकर कांग्रेस ने विरोध प्रदर्शन किया। जिसे सत्याग्रह का नाम दिया गया। इस दौरान वायनाड सांसद राहुल गांधी समेत 50 से अधिक सांसदों को पुलिस ने हिरासत में लिया। इसी बीच एक वीडियो में सामने आया, जिसमें युवा कांग्रेस अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी के बाल पुलिसकर्मी खींचते हुए दिखाई दिए। वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस का बयान भी सामने आया। जिसमें कहा गया कि हम कर्मचारियों की पहचान करने की कोशिश कर रहे हैं। पहचान के बाद कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जाएगी।