अपने प्रभावशाली अभिनय के लिए मशहूर अभिनेत्री सोनाली कुलकर्णी ने हाल ही में इंडिया में ओरिजिनल राइटरस की ताकत पर अपने विचार शेयर किए। पॉपुलर कशिश प्राइड फिल्म फेस्टिवल में जज के रूप में काम करते हुए, सोनाली ने बताया की इंडिया में राइटरस, चाहे फिल्म्स या थिएटर के हो, बहुत स्ट्रांग स्टैंड रखते हैं, और ओरिजिनल लिखाई में यकीन रखते हैं।
फिल्म-बनाने की प्रक्रिया में राइटरस के योगदान के बारे में बात करते हुए सोनाली ने कहा की किसी भी कहानी आकार देने में लेखन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भारत में मौलिक लेखकों अपने काम को लेकर काफी संजीदा है और अच्छी लिखाई को अपना गर्व समझते हैं। हालांकि इस रीमिक्स के दौर ने ओरिजिनल लिखाई करना को आसान काम नहीं है।
'दिल चाहता है' की अभिनेत्री ने किसी भी प्रोजेक्ट में राइटिंग के महत्व के बारे में बात की और कहा, "चाहे वह फिल्में हों या थिएटर, लेखन ही सब कुछ है। मुझे हमेशा लगता है कि भारत राइटिंग डिपार्टमेंट में बहुत मजबूती से खड़ा है क्योंकि हमारे पास ओरिजिनल राइटरस हैं। हालांकि मार्किट में रीमिक्स का चलन भी हैं, लेकिन ओरिजिनल राइटरस बहुत अच्छी काहनिया लिखने में यकीन करते हैं, और आपने काम को बहुत संजीदा सोच के साथ पूरा करते हैं।"
सोनाली के शब्द आज के समय में काफी महत्व रखते हैं, क्योंकि मार्किट में रीमिक्स और रूपांतरण अक्सर लोकप्रिय मीडिया पर हावी मिलते हैं। उनकी यह सोच इंडिया के ओरिजिनल राइटरस के लिए किसी कॉम्पलिमेंट से कम नहीं हैं। 15वें कशिश प्राइड फिल्म फेस्टिवल 2024 की ओपनिंग नाइट में सोनाली कुलकर्णी के अलावा किरण राव, श्वेता प्रसाद बसु, बरुण सोबती, लिलेट दुबे, डॉली ठाकोर, अनु मेनन और अन्य हस्तियां भी मौजूद थीं।