By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 02, 2022
वियना, 2 सितंबर (द कन्वरसेशन)। शेक्सपियर की को व्यापक रूप से बेहतरीन अंग्रेजी का प्रतिनिधित्व करने के लिए जाना जाता है। लेकिन उनकी को यह दर्जा दिए जाने के पीछे कई मान्यताएं हैं। उनकी को लेकर जो विचार हैं, वह अब कई कारणों से बदल रहे हैं। शेक्सपियर की को लेकर जो मान्यताएं हैं वह हमें एक ऐसी दुनिया में ले जाती हैं, जहां हम यह नहीं देख पाते हैं कि शेक्सपियर के बारे में वास्तव में सही क्या है - उन्होंने अपने शब्दों के साथ क्या किया। लैंकस्टर विश्वविद्यालय में एनसायक्लोपीडिया ऑफ शेक्सपियर्स लैंग्वेजपरियोजना में बड़े पैमाने पर कंप्यूटर विश्लेषण का इस्तेमाल करने से शेक्सपियर की के बारे में हम जो जानते हैं उसे बदल रहा है।
यहां, इसके कुछ निष्कर्षों को शामिल करते हुए, हम उन पांच चीजों पर फिर से विचार कर रहें हैं, जिनके बारे में आपने शायद सोचा था कि आप शेक्सपियर के बारे में जानते हैं लेकिन वह वास्तव में असत्य हैं। 1. शेक्सपियर ने बड़ी संख्या में शब्दों को गढ़ा, ठीक है, उन्होंने ऐसा किया, लेकिन उतने नहीं जितने लोग सोचते हैं - यहां तक कि प्रतिष्ठित स्रोत भी 1,000 से अधिक मानते हैं। शेक्सपियर बर्थप्लेस ट्रस्ट के अनुसार यह संख्या 1,700 है, लेकिन ध्यान से जोड़ें कि यह संख्या उन शब्दों से संबंधित है, जिन्हें पहले पहल शेक्सपियर ने अपनी रचनाओं में इस्तेमाल किया।
शब्द ‘‘होबनेल’’ पहली बार शेक्सपियर के एक पाठ में मिला, लेकिन यह कल्पना करना मुश्किल है कि यह एक रचनात्मक काव्यात्मक लेखन से आया। अधिक संभावना है, यह उस समय की बोली जाने वाली में रहा हो और शेक्सपियर द्वारा इसका इस्तेमाल करने से यह दर्ज हुआ। शेक्सपियर द्वारा कथित रूप से गढ़े गए शब्दों की संख्या का अनुमान आमतौर पर उनके द्वारा रचनात्मक रूप से गढ़े गए शब्दों और उनकी रचनाओं में पहली बार लिखित रूप से दर्ज शब्दों, के बीच अंतर नहीं करता है।
यहां तक कि अगर आप यह फर्क नहीं मानते हैं और शेक्सपियर के किसी काम में सबसे पहले आने वाले सभी शब्दों को शामिल करते हैं, चाहे वह गढ़ा हो या रिकॉर्ड किया गया हो, संख्याएं पूरी तरह से बढ़ जाती हैं। साहित्य और विज्ञान शिक्षाविदों जोनाथन होप और सैम हॉलैंड्स के साथ काम करते हुए, हम शेक्सपियर से पहले के ग्रंथों में लाखों शब्दों को खोजने के लिए कंप्यूटर का उपयोग कर रहे हैं। इस पद्धति से, हमने पाया है कि शेक्सपियर ने अपने साहित्य में लगभग 500 शब्द का इस्तेमाल पहली बार किया। बेशक, 500 का आंकड़ा बहुत बड़ा है क्योंकि अधिकांश लेखक न तो एक नया शब्द गढ़ते हैं और न ही पहली बार दर्ज करते हैं।
2. शेक्सपियर की ही अंग्रेजी है इस मिथक ने कि शेक्सपियर ने ढेर सारे शब्द गढ़े हैं, ने आंशिक रूप से इस मिथक को हवा दी है कि शेक्सपियर की आज की अंग्रेजी के एक-चौथाई, आधे या यहां तक कि सभी शब्दों का गठन करती है। शेक्सपियर के ग्रंथों में विभिन्न शब्दों की संख्या लगभग 21,000 है। उनमें से कुछ शब्दों को दोहराया गया है, तो इस प्रकार हम शेक्सपियर के कार्यों में लगभग दस लाख शब्दों की कुल संख्या देखते हैं। (उदाहरण के लिए, पिछले वाक्य में कुल 36 शब्द हैं, लेकिन इनमें ‘‘का के की’’, ‘‘शब्द’’ ‘‘में’’ और ‘‘संख्या’’ शब्द दोहराए गए हैं, इसलिए विभिन्न शब्दों की संख्या 27 हैं)।
ऑक्सफोर्ड इंग्लिश डिक्शनरी में लगभग 600,000 अलग-अलग शब्द हैं, लेकिन कई अस्पष्ट तकनीकी शब्द हैं। तो, चलिए 500,000 शब्द मानकर चलते हैं। शेक्सपियर के काम में भले ही हर शब्द उनके द्वारा गढ़ा गया हो (जो कि निश्चित रूप से ऐसा नहीं है, जैसा कि ऊपर उल्लेख किया गया है), वह अभी भी आज की अंग्रेजी का केवल 4.2 प्रतिशत होगा। इसलिए, शेक्सपियर ने शब्दों को गढ़ने के मामले में केवल एक बहुत छोटा अंश ही योगदान दिया, हालांकि अधिकांश लेखकों की तुलना में संभवतः अधिक।
3. शेक्सपियर के पास एक विशाल शब्दावली थी हास्यास्पद रूप से, शेक्सपियर की विशाल शब्दावली के बारे में लोकप्रिय दावे इस तथ्य से प्रेरित प्रतीत होते हैं कि उनके लेखन में समग्र रूप से बड़ी संख्या में विभिन्न शब्द हैं। लेकिन जितना अधिक आप लिखते हैं, उतने ही अधिक अवसर आपको अलग-अलग शब्दों का उपयोग करने के मिलते हैं। 4. शेक्सपियर का सार्वभौमिक अर्थ है निश्चित रूप से, मानव स्थिति के कुछ विषय या पहलू सार्वभौमिक हैं, लेकिन आइए यह कैसे कहा जा सकता है कि उनकी सार्वभौमिक है। ऐतिहासिक भाषाविद् का मंत्र यह है कि सभी भाषाएं बदल जाती हैं - और शेक्सपियर इससे अलग नहीं हैं।
परिवर्तन सूक्ष्म होते हैं और आसानी से छूट सकते हैं। निश्चित रूप से ऐसे कई सार्वभौमिक शब्द होते हैं, जो एक सार्वभौमिक अवधारणा को दर्शाता है। शेक्सपियर के प्रत्येक शब्द के लिए, हमने कंप्यूटर का उपयोग उन अन्य शब्दों की पहचान करने के लिए किया, जिनसे वे संबद्ध हैं, और उन शब्दों के अर्थ का पता चलता है। 5. शेक्सपियर ज्यादा लैटिन नहीं जानते थे यह एक लोकप्रिय मान्यता हैं, जो शिक्षाविदों और गैर-शिक्षाविदों द्वारा समान रूप से फैलाई गई है (यही कारण है कि उन्हें इंटरनेट पर खोजना आसान है)।
कुछ नाट्य मंडलियों के भीतर, यह विचार उभरा कि शेक्सपियर ज्यादा लैटिन नहीं जानते थे। दरअसल, समकालीन नाटककार बेन जोंसन ने प्रसिद्ध रूप से लिखा है कि शेक्सपियर ‘‘स्मॉल लैटिन, और लैस ग्रीक’’ था। शेक्सपियर के पास विश्वविद्यालय शिक्षा का अभाव था। विश्वविद्यालय-शिक्षित, ईर्ष्यालु, धूर्त नाटककार शायद इस वजह से उन्हें नीचा दिखाने के लिए ऐसा प्रचार करते थे। लैटिन विद्वान कैटरिना गार्डमाग्ना के साथ काम करते हुए, हमने पाया कि शेक्सपियर ने 245 अलग-अलग लैटिन शब्दों का इस्तेमाल किया, जबकि अन्य नाटककारों के नाटकों के मिलान सेट में इस तरह के सिर्फ 28 थे - जो कि धारणा के विपरीत है। विश्वविद्यालय शिक्षा के बिना शेक्सपियर ने इतना अधिक लैटिन का प्रयोग किया, इसका उपयोग करने से उनकी उपलब्धि और भी अधिक हो जाती है।