वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपित पूर्व फौजी खुद हथियार समेत राजेंद्रा पार्क थाने पहुंचा। यहां लोगों का कहना है कि जनवरी से किराया बाकी था, जिसके कारण मकान मालिक का किरायेदार से विवाद चल रहा था। हालांकि यह बात गले नहीं उतरती कि कोई किराये के विवाद को लेकर हत्या कर सकता है और अपनी ही पुत्रवधू को क्यों मारा? मासूमों के ऊपर हमला क्यों किया? ऐसे कई सवाल हैं, जिसकी जांच पुलिस सभी एंगल से कर रही है।
सेना में नायक के पद से सेवानिवृत्त राव राय सिंह का राजेंद्रा पार्क इलाके में यशस्वी निवास (ए-80) नाम से मकान है। ग्राउंड फ्लोर एवं सेकंड फ्लोर किराये पर है। फस्र्ट फ्लोर पर खुद परिवार सहित रहता है। सेकंड फ्लोर पर मूल रूप से बिहार के सिवान जिले के गांव बड़का मांझा निवासी 40 वर्षीय कृष्णा तिवारी पत्नी 35 वर्षीय अनामिका तिवारी, छह वर्षीय बेटी सुरभि एवं तीन वर्षीय बेटी विधि के साथ पिछले साल जुलाई से किराये पर रह रहे थे। कृष्णा एक निजी बैंक में होम लोन फाइनेंस का काम देखते थे। मंगलवार सुबह लगभग छह बजे राव राय सिंह गड़ासा लेकर पहुंचा और अपनी पुत्रवधू समेत चार लोगों को मार डाला।
थाना प्रभारी प्रवीण कुमार अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंच, तब तक बहू सुनीता यादव, किरायेदार कृष्णा तिवारी, उनकी पत्नी अनामिका तिवारी, बेटी सुरभि की मौत हो चुकी थी। विधि की सांस चल रही थी। उसे तत्काल जिला नागरिक अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से सफदरजंग अस्पताल रेफर कर दिया गया।