By अंकित सिंह | Nov 30, 2021
कृषि कानून वापसी बिल संसद के दोनों सदनों से पास हो चुका है। इसमें अब राष्ट्रपति से मंजूरी की औपचारिकताएं ही बची हुई है। इन सबके बीच संयुक्त किसान मोर्चा ने 1 दिसंबर को आपात बैठक बुलाई है। माना जा रहा है कि इस बैठक में किसान आंदोलन को लेकर आगे की रणनीति पर कोई बड़ा फैसला हो सकता है। जैसे ही इस इमरजेंसी बैठक को बुलाई गई, सबकी नजर इस बैठक पर टिक गई है। जानकारी के मुताबिक इस इमरजेंसी बैठक को पंजाब के 32 किसान संगठनों ने बुलाई है।
सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में शामिल ज्यादातर किसान संगठनों की राय है कि कृषि कानूनों वापसी आंदोलन की जीत है और इसलिए इसे अब खत्म किया जाना चाहिए। किसान संगठन अब घर वापसी के पक्ष में भी हैं। हालांकि किसान संगठन यह भी चाहते हैं कि बाकी मांगों को लेकर भी केंद्र सरकार जल्द ही ऐलान कर दे जिसके बाद आंदोलन को खत्म करने का रास्ता भी साफ हो सकता है। लेकिन आंदोलन को लेकर आखिरी फैसला संयुक्त किसान मोर्चा ही करेगा।
वहीं दूसरी ओर राकेश टिकैत अब भी आंदोलन को जारी रखने के पक्ष में हैं। राकेश टिकैत का मानना है कि अगर आंदोलन खत्म होता है तो कहीं ना कहीं यहां लड़ाई कमजोर पड़ जाएगी और बाकी मांगों को लेकर सरकार गंभीरता से नहीं सोचेगी। यही कारण है कि राकेश टिकैत अब भी सरकार पर हमलावर हैं। हालांकि पहले 4 तारीख को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक बुलाई गई थी और उसी में आगे की रणनीति पर मंथन होनी थी। लेकिन अब अचानक 1 दिसंबर को आपात बैठक बुला ली गई है जिसमें माना जा रहा है कि कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है।