राजस्व विभाग ने करदाताओं से इस माह के अंत तक वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) प्रणाली से जुड़ने के लिए कहा है क्योंकि मौजूदा सेवाकरदाताओं में से केवल 34 प्रतिशत ही अब तक इस नयी कर प्रणाली के साथ जुड़े हैं। ज्यादा लोगों को इससे जोड़ने के लिए विभाग अपने पहुंच कार्यक्रम का विस्तार कर रहा है। मौजूदा समय में कुल 80 लाख मूल्य वर्धित कर (वैट), उत्पाद एवं सेवाकरदाता हैं। अभी वैट करदाताओं में से 75 प्रतिशत और केंद्रीय उत्पाद शुल्क दाताओं में से 73 प्रतिशत लोगों ने जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) में अपना पंजीकरण करा लिया है लेकिन सेवाकर दाताओं में से केवल 34 प्रतिशत ही इस प्रणाली से जुड़े हैं।
जीएसटीएन नयी कर व्यवस्था में कर भुगतान का माध्यम होगी। केंद्रीय उत्पाद एवं सीमाशुल्क बोर्ड (सीबीईसी) के चेयरमैन वी.एन. सरना ने अधिकारियों को लिखे पत्र में कहा, ''हम इस प्रणाली में स्थानांतरण की अंतिम तिथि 30 अप्रैल 2017 के नजदीक बड़ी तेजी से पहुंच रहे हैं। इसलिए मैं सभी क्षेत्रीय मुख्य आयुक्तों से कहना चाहता हूं कि वह सभी मौजूदा करदाताओं को इस नयी व्यवस्था से जोड़ने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएं।’’ इस संबंध में सेवाकर के सभी क्षेत्रीय कार्यालयों ने अखबारों में विज्ञापन देने शुरू कर दिए हैं। साथ ही वह करदाताओं को फोन कर जीएसटीएन में जुड़ने के लिए कह रहे हैं।