अयोध्या। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री रामलला की बड़ी बहन शांता प्रत्येक वर्ष राखी बांधने के लिए अयोध्या पहुंचती हैं। जिसका उल्लेख आज भी पुराणों में दर्ज है। दरसल मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के पिता दशरथ को एक पुत्री शांता भी थी। जिसे अपने मित्र के किसी भी संतान को ना होने से वह दुखी देख अपनी पुत्री को सौंप दिया था जहां उनका बचपन बीतने के बाद शान्ता का विवाह श्रृंगीऋषि से हुआ। उसके बाद भी शांता अपने भाई को रक्षा बंधन बांधने के लिए अयोध्या पहुंची थी श्रृंगीऋषि तमसा नदी के किनारे स्थित एक आश्रम आज भी है। जहां से प्रत्येक वर्ष रक्षाबंधन के दिन प्रतीकात्मक रूप में रक्षा सूत्र रामलला के लिए अयोध्या पहुंचता है और श्री रामलला के मुख्य पुजारी उनकी बहन की ओर से बांधते हैं।
राम जन्मभूमि परिसर में विराजमान भगवान श्री राम लला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि राजा दशरथ की एक पुत्री भगवान श्री राम की एक बहन थी जिसका नाम शान्ता था। जिनका पालन पोषण भी उनके एक मित्र के घर हुआ और बड़े होने पर उनका विवाह श्रृंगीऋषि के साथ कर दिया गया। जो आज तमसा नदी के तट पर स्थित आश्रम है। वही बताया कि रक्षाबंधन यह परंपरा बहुत ही पुरानी है जब भगवान बावन का अवतार हुआ था उसी काल से यह परंपरा चल रही है। आज भी बड़ी संख्या में लोग भगवान श्री राम लला को अपना भाई मानते हैं और हर वर्ष रक्षाबंधन भेजती हैं। और कामना करते हैं कि भगवान श्रीरामलला हमारी और हमारे परिवार की रक्षा करेंगे।