By Anoop Prajapati | Jul 03, 2024
आईएसएसएफ विश्व चैंपियनशिप में सिफ्त कौर समरा ने भारत को शूटिंग में ओलंपिक कोटा दिलाने में सफलता हासिल की है। उन्होंने डॉक्टरी छोड़ फिजिकल एजुकेशन में एडमिशन लिया था और अब देश का नाम रोशन कर रही हैं। सिफ्त ने एमबीबीएस पर देश के लिए पदक जीतने को वरीयता दे डाली। 2021 में फरीदकोट के मेडिकल कॉलेज में नीट के जरिए एमबीबीएस में दाखिला लेने वाली सिफ्त के सामने ऐसा समय आया जब उन्हें एमबीबीएस और शूटिंग में से एक को चुनना था। ऐसे में उन्होंने शूटिंग को वरीयता देते हुए एमबीबीएस की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी। अब सिफ्त कौर पेरिस में भारत का झंडा गाड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
सिफ्त कौर समरा का जन्म 9 सितंबर 2001 को एक जाट सिख परिवार में पंजाब के फरीदकोट जिले में हुआ था। 23 साल की सिफ्त कौर समरा के पिता पवनदीप सिंह किसान हैं। वह फरीदकोट की जीजीएस मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही थीं। शूटिंग के साथ पढ़ाई मुश्किल हो रही थी। कॉलेज भी सिफ्त को सपोर्ट नहीं कर रही थी। इसकी वजह से सिफ्त ने डॉक्टरी की पढ़ाई ही छोड़ दी। अब उनका पूरा फोकस शूटिंग पर ही है। ह बताती हैं कि शूटिंग के चलते 80 प्रतिशत उपस्थिति पूरी नहीं होने के चलते वह एमबीबीएस की परीक्षाएं नहीं दे पाई थीं। उस दौरान भी उनके सामने बड़ा धर्मसंकट था कि परीक्षाएं चुनें या शूटिंग, उन्होंने तब भी शूटिंग को चुना।
उन्हें एमबीबीएस जारी रखने के लिए फिर से प्रथम वर्ष की पढ़ाई करनी थी, लेकिन भोपाल विश्व कप में पदक जीतने के दौरान जब वह पोडियम पर चढ़ीं और देश का झंडा ऊपर गया तो उनका सिर गर्व से ऊंचा हो गया। उनके पिता पवनदीप सिंह और उन्होंने उसके बाद एमबीबीएस छोड़ने का फैसला ले लिया। सिफ्त के पिता तो किसान हैं, लेकिन उनका परिवार डॉक्टरों का परिवार है। उनके चार से पांच चचेरे भाई-बहन डॉक्टर हैं। उनका छोटा भाई भी निशानेबाज है और स्कूल नेशनल में पदक जीत चुका है। सिफ्त के मुताबिक उसने 12वीं की परीक्षा के बाद नीट क्वालिफाई किया, लेकिन उसने शूटिंग छोड़ दी है और वह डॉक्टरी की पढ़ाई करेगा। सिफ्त ने छह साल पहले ही शूटिंग शुरू की है।
दो साल पहले उन्होंने जूनियर विश्व चैंपियनशिप में एक स्वर्ण, दो रजत और कांस्य जीता। इसके बाद उन्होंने सीनियर टीम में जगह बनाई और अब वह एशियाड में स्वर्ण जीत चुकी हैं। सिफ्त ने जुलाई 2023 के अंत में चीन में हुए वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स में भी हिस्सा लिया था, जहां उन्हें मल्टी स्पोर्ट्स खेल आयोजन का अनुभव मिला था। सिफ्त ने इसमें भारत के लिए दो स्वर्ण पदक जीते थे। खासतौर पर खाने के बारे में उन्हें पता लग गया था। इस अनुभव का फायदा उन्हें एशियाई खेलों में मिला। आईएसएसएफ वर्ल्ड कप में भी सिफ्त दो कांस्य पदक जीत चुकी हैं। जूनियर कप में तो उनका रिकॉर्ड और शानदार है। उन्होंने दो साल पहले एक ही जूनियर कप में एक स्वर्ण, दो रजत और एक कांस्य पदक जीते थे। हालांकि, वर्ल्ड चैंपियनशिप में अभी तक सिफ्त का खाता नहीं खुला है। 2008 ओलिंपिक में अभिनव बिंद्रा ने भारत को शूटिंग में गोल्ड दिलाया था। 2012 में तो शूटिंग में दो मेडल मिले, लेकिन पिछले दो ओलिंपिक में भारत को शूटिंग में एक भी मेडल नहीं मिला है। अब पेरिस में देश को शूटिंग से एक बार फिर काफी उम्मीदें होंगी। सिफ्त से भी काफी उम्मीदें होंगी।