सिंधू जीती, सेन और श्रीकांत बैडमिंटन एशिया चैम्पियनशिप के पहले दौर में हारे

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Apr 11, 2024

निंगबो। अनुभवी भारतीय खिलाड़ी पीवी सिंधू मुश्किल परिस्थितियों से पार पाकर बुधवार को यहां बैडमिंटन एशिया चैंपियनशिप के महिला एकल के दूसरे दौर में पहुंचने में सफल रही तो वही पुरुष एकल वर्ग में लक्ष्य सेन और किदांबी श्रीकांत का सफर हार के साथ खत्म हो गया। दुनिया के नौवें नंबर के खिलाड़ी एचएस प्रणय ने भी चीन के ल्यु गुआंग झू के खिलाफ तीन गेम में मनोबल बढ़ाने वाली जीत दर्ज की। भारतीय खिलाड़ी ने 90 मिनट चले मुकाबले में दुनिया के 16वें नंबर के खिलाड़ी ल्यू को 17-21 23-21 23-21 से हराया। वह पुरुष एकल के दूसरे दौर में चीनी ताइपे के लिन चुन यी से भिड़ेंगे। दो बार की ओलंपिक पदक विजेता सिंधू पेरिस खेलों से पहले लय हासिल करने के लिए आतुर है। 


सिंधू ने मलेशिया की दुनिया की 33वें नंबर की खिलाड़ी गोह जिन वेई के खिलाफ निर्णायक गेम में पांच अंको की बढ़त को लगभग गंवाने के बाद  18-21, 21-14, 21-19 से जीत दर्ज की। सिंधू इस खिलाड़ी के खिलाफ सुदीरमन कप में खेले गये पिछले मुकाबले को हार गयी थी लेकिन इस जीत के बाद उनका रिकॉर्ड 4-1 हो गया है। सिंधू का अगला मुकाबला चीन की हान यू से है, जिनके खिलाफ भारतीय खिलाड़ी का रिकॉर्ड 5-0 का है। भारत के स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी सेन पहले दौर में शीर्ष वरीयता प्राप्त चीन के शि यू कि से हारकर बाहर हो गए।  विश्व चैम्पियनशिप कांस्य पदक विजेता सेन को 53 मिनट तक चले मुकाबले में 19- 21, 15-21 से पराजय झेलनी पड़ी। 


श्रीकांत के सफर को शुरूआती दौर में इंडोनेशिया के एंथोनी गिनटिंग ने 21-14, 21-13 से हराकर खत्म किया। भारत के प्रियांशु राजावत भी पहले दौर में हार गए। उन्हें आठवीं वरीयता प्राप्त मलेशिया के ली जि जिया ने 21- 9, 21-13 से हराया। महिला युगल में रूतुपर्णा और श्वेतपर्णा पंडा भी चीन की सातवीं वरीयता प्राप्त झांग शू शियान और झेंग यू डब्ल्यू से 8-21, 12 -21 से हार गई। एमआर अर्जुन और ध्रुव कपिला को भी लियू यू चेन और ओउ जुआन यी की सातवीं वरीयता प्राप्त चीन की जोड़ी के खिलाफ 21-23, 21-19, 24-26 से हार का सामना करना पड़ा। त्रीसा जॉली और गायत्री गोपीचंद भी महिला युगल के पहले मैच में चौथी वरीयता प्राप्त लियू शेंग शू और टैन निंग से 2-21, 11-21 से हार गईं, जिससे उनकी पेरिस ओलंपिक क्वालीफिकेशन की उम्मीदों पर पानी फिर गया। 


मालविका बंसोड़ और आकर्षी कश्यप भी शुरुआती बाधा को पार करने में विफल रही। इन खिलाड़ियों को क्रमशः कोरिया की सिम यू जिन और थाईलैंड की बुसानन ओंगबामरुंगफान ने हराया। सिंधू और जिन का मुकाबला शुरुआत से बराबरी का रहा। दोनों खिलाड़ी दूसरे पर हावी होने की कोशिश कर रही थी। जिन पहले गेम में 11-9 की बढ़त लेने में सफल रही। सिंधू ने इसके बाद कुछ बेहतरीन क्रॉस कोर्ट रिटर्न के साथ बैकहैंड के इस्तेमाल पर जोर देना शुरू किया। उन्होंने इस दौरान कुछ गलतियां भी की जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा और जिन ने पहला गेम अपने नाम किया। 


सिंधू ने दूसरे गेम में आक्रामक शुरुआत कर 4-1 की बढ़त बनायी लेकिन फिर जिन को वापसी का मौका दिया जिससे स्कोर 5-5 से बराबर हो गया। ब्रेक के समय सिंधू के पास दो इअंक की बढ़त थी। सिंधू ने 13-13 के स्कोर के बाद लगातार छह अंक जुटाए और फोरहैंड के इस्तेमाल गेम अपने नाम किया। निर्णायक गेम में सिंधू 1-5 और फिर 5-7 से पिछड़ रही थी लेकिन उन्होंने शानदार वापसी के दम पर 17-14 की बढ़त बनायी। उन्होंने दो करारे स्मैश लगाये जिसका जिन के पास कोई जवाब नहीं था। सिंधू ने इसके बाद पांच मैच प्वाइंट हासिल किये। 


मलेशिया की खिलाड़ी ने लगातार चार अंक के साथ मैच के रोमांच को बढ़ाया लेकिन उनका बैकहैंड से लगा शॉट नेट से टकरा गया और मैच सिंधू के नाम हो गया। इससे पहले सेन ने चीन के प्रतिद्वंद्वी को काफी कठिन चुनौती दी और कोर्ट के चारों ओर दौड़ाया। कि ने हालांकि लंबी रैलियां लगाकर बढत बना ली और लगातार पांच अंक लेकर यह बढत 16-14 की कर ली। सेन ने 19-19 से बराबरी की लेकिन कि ने दो अंक लेकर पहला गेम जीता। दूसरे गेम में भी यही कहानी रही और ब्रेक तक मुकाबला बराबरी का था। सेन ने एक समय 9-8 से बढत बना ली थी लेकिन फिर स्कोर 11-12 हो गया। इसके बाद सेन ने कई गलतियां की और थकान हावी होने से अंक भी गंवाये।

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