By अंकित सिंह | Oct 01, 2024
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मंगलवार को कहा कि उनकी पत्नी बीएम पार्वती, जिन्होंने मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (मुडा) से प्राप्त 14 प्रतिपूरक भूमि स्थलों को वापस करने का फैसला किया, वह उनके खिलाफ नफरत की राजनीति का शिकार थीं। उन्होंने कहा कि उनका आश्चर्यजनक कदम प्रवर्तन निदेशालय द्वारा मुडा घोटाला मामले में उनके और अन्य लोगों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज करने के मद्देनजर उन्हें शर्मिंदगी से बचाने के लिए था।
सिद्धारमैया ने कहा कि यह (जमीन) मेरी पत्नी के भाई ने उसे उपहार में दी थी। इस पर मुडा ने अतिक्रमण कर लिया और इसके लिए उसने वैकल्पिक जगह मांगी। उन्होंने विजयनगर नहीं मांगा लेकिन उन्होंने दे दिया। ये अब बड़ी राजनीति बन गई है। बीजेपी-जेडीएस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें जो करना है करने दीजिए। मनी लॉन्ड्रिंग यहां तस्वीर में नहीं आती है। मेरी भूमिका क्या है? मेरी पत्नी को लगा कि यह राजनीति का कारण बन गया है इसलिए उन्होंने पत्र लिखा क्योंकि वह कोई विवाद नहीं चाहती थीं।
सिद्धारमैया ने दावा किया कि बीएस येदियुरप्पा का मामला और मेरा मामला अलग है। उन्होंने जमीन का डिनोटिफिकेशन किया और मैं इसमें शामिल नहीं हूं। मैं आत्म-साक्षी के रूप में अपना इस्तीफा नहीं दूंगा। चाहे ईडी हो या कुछ और, मैं कानूनी तौर पर लड़ूंगा।सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘मेरी पत्नी ने चार दशक के मेरे राजनीतिक जीवन में कभी हस्तक्षेप नहीं किया और अपने परिवार तक ही सीमित रहीं, लेकिन आज वह मेरे खिलाफ नफरत की राजनीति का शिकार हो गईं और मानसिक यातना झेल रही हैं। मैं दुखी हूं। हालांकि, मैं अपनी पत्नी के जमीन वापस करने के फैसले का सम्मान करता हूं।’’
पार्वती सार्वजनिक रूप से बहुत कम सामने आती हैं। उन्होंने सोमवार को एमयूडीए को पत्र लिखकर अपनी 3.16 एकड़ जमीन के बदले में उन्हें आवंटित 14 भूखंडों को वापस करने की इच्छा जताई, जिसका उपयोग एमयूडीए द्वारा किया गया था। इससे कुछ घंटे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने लोकायुक्त पुलिस द्वारा उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी पर संज्ञान लेते हुए एमयूडीए की ओर से उनकी पत्नी को 14 स्थलों के आवंटन में कथित अनियमितताओं को लेकर मुख्यमंत्री के खिलाफ प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज की, जो पुलिस की प्राथमिकी के समान होती है।