By नीरज कुमार दुबे | Aug 26, 2024
आज जन्माष्टमी के अवसर पर देश भर के मंदिरों में भगवान श्रीकृष्ण और उनके जीवन पर आधारित सुंदर सुंदर झाकियां तो देखने को मिल ही रही हैं साथ ही विभिन्न जगहों पर रासलीलाओं के आयोजन के दौरान राधे राधे और जय श्री कृष्णा की गूंज भी सुनाई दे रही है। आज हर बालक कृष्णा और बालिकाएं राधा बनी हुई हैं। घरों से लेकर मंदिरों तक में कान्हा को झूले पर झुलाया जा रहा है। विभिन्न आयोजनों में राजनेता भी शिरकत कर रहे हैं। इसी कड़ी में मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी पहुँचे और भगवान के दर्शन और पूजन किये।
हम आपको बता दें कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर आज 20 घंटे के लिए खुला रहेगा ताकि भक्त जन्माष्टमी पर निर्बाध दर्शन कर सकें। मंदिर आमतौर पर 12 घंटे खुला रहता है। श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा समिति के सचिव कपिल शर्मा एवं सदस्य गोपेश्वर चतुर्वेदी ने बताया है कि मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर भगवान के जन्मोत्सव के विभिन्न कार्यक्रम शनिवार को शुरू हो गये हैं, जो बृहस्पतिवार तक चलेंगे। हम आपको बता दें कि इस बार जन्माष्टमी पर्व से संबंधित कार्यक्रमों का आयोजन श्रीकृष्ण जन्मभूमि के पुरातन वैभव व स्वरूप प्राप्ति के संकल्प के साथ किया जा रहा है। योगेश्वर श्रीकृष्ण की जन्मभूमि पर भगवान का जन्मोत्सव शास्त्रीय मर्यादाओं एवं परंपराओं के अनुसार मनाया जा रहा है। जन्माष्टमी पर सुबह शहनाई एवं नगाड़ों के सुमधुर वादन के साथ भगवान की मंगला आरती के दर्शन प्रातः 5.30 बजे से शुरू हुए। उसके बाद सुबह 8.00 बजे भगवान का पंचामृत अभिषेक किया गया। जन्मभिषेक का मुख्य कार्यक्रम रात्रि 11.00 बजे श्रीगणेश-नवग्रह आदि पूजन से आरंभ होगा। भगवान के जन्म की महाआरती रात्रि 12.10 बजे तक चलेगी।
जन्माष्टमी की शाम को श्रीकृष्ण लीला महोत्सव समिति द्वारा भरतपुर गेट से परंपरागत शोभायात्रा निकाली गयी जो होलीगेट, छत्ता बाजार, स्वामी घाट, चौक बाजार, मण्डी रामदास, डीग गेट होते हुए श्रीकृष्ण-जन्मस्थान पहुंची। हम आपको बता दें कि भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को भव्य एवं दिव्य बनाने के लिए सभी तैयारियां एवं व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गयी हैं। भगवान के श्रृंगार, पोशाक, मंदिर की साज-सज्जा एवं व्यवस्थाएं नयनाभिराम बनाई गयी हैं। साथ ही जनभावनाओं के अनुरूप इस बार जन्मोत्सव का संकल्प 'श्रीकृष्ण-जन्मभूमि के पुरातन वैभव व स्वरूप प्राप्ति’ का है। देखा जाये तो यह वह दौर है कि जब मथुरावासी एवं भगवान श्रीकृष्ण के दुनियाभर में फैले करोड़ों भक्तजनों के मन में एक ही कामना है कि जिस प्रकार अयोध्या में भगवान राम के भव्य एवं दिव्य मंदिर में उनकी प्राण-प्रतिष्ठा की गई है, उसी प्रकार, मथुरा में भी भगवान श्रीकृष्ण के भव्य मंदिर में उनकी प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न हो।
हम आपको बता दें कि मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि जिला प्रशासन ने जन्मभूमि के सभी संपर्क मार्गो पर जूताघर एवं सामान घर की व्यवस्था की है, इसलिए वे अपने जूते-चप्पल, बैग आदि सामान ठहरने के स्थान पर ही छोड़कर आएं, क्योंकि श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर प्रवेश गोविंद नगर स्थित उत्तरी द्वार से मिलेगा और निकासी पूर्वी यानी मुख्य द्वार से होगी। हम आपको यह भी बता दें कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मंदिर के आसपास एवं मुख्य स्थलों पर चिकित्सा शिविर एवं ‘खोया-पाया’ केंद्र भी संचालित किए जा रहे हैं।