थायराइड एक ऐसी स्वास्थ्य समस्या है, जिसमें व्यक्ति का शरीर में मौजूद थायराइड ग्रंथि थायराइड हार्मोन का सही तरह से उत्पादन नहीं कर पाती है। थायराइड हार्मोन ना केवल मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करता है, बल्कि यह मूड, ऊर्जा के स्तर, शरीर के तापमान, हृदय गति और रक्तचाप को भी नियंत्रित करता है। लेकिन जब थायराइड ग्रंथि आपके शरीर की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त हार्मोन का उत्पादन नहीं करती है तो व्यक्ति को नियमित रूप से दवा का सेवन करने की आवश्यकता होती है। इसके अलावा, खानपान पर भी पर्याप्त ध्यान दिया जाना आवश्यक है। मसलन, थायराइड होने पर दूध का सेवन करना चाहिए या नहीं, इसे लेकर आज भी लोगों के मन में कई तरह की भ्रांतियां हैं। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको बता रहे हैं कि थायराइड के मरीजों के लिए दूध का सेवन कितना उचित है-
जरूर लें दूध
थायराइड मरीजों के लिए दूध को सेवन वास्तव में लाभकारी है। फोर्टिफाइड मिल्क में विटामिन डी पाया जाता है। इंडियन जर्नल ऑफ एंडोक्रिनोलॉजी एंड मेटाबॉलिज्म में 2018 में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, विटामिन डी थायराइड के स्तर में सुधार करने में मदद कर सकता है। साथ ही, यह टीएसएच लेवल में भी सुधार करता है। फोर्टिफाइड दूध में न केवल विटामिन डी होता है, बल्कि कैल्शियम, प्रोटीन और आयोडीन की भी महत्वपूर्ण मात्रा होती है। जिससे थायराइड मरीजों की सेहत पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
कब ना लें दूध
कभी भी थायराइड की दवा लेने के बाद दूध का सेवन नहीं करना चाहिए। आपको कम से कम चार घंटे तक दूध नहीं पीना चाहिए। दरअसल, दूध, पनीर और दही सहित डेयरी उत्पादों में उच्च कैल्शियम का स्तर होता है, जो आपके शरीर में दवा को अवशोषित करने के तरीके को प्रभावित करता है। इसलिए, दवा लेने से पहले या बाद में दूध पीने व अन्य कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ लेने से बचना चाहिए।
इस तरह के दूध से बचें
यूं तो दूध का सेवन थायराइड मरीजों के लिए आवश्यक है, लेकिन हाइपरथायरायडिज्म वाले व्यक्तियों के लिए होल मिल्क से बचना चाहिए। कोशिश करें कि आप मलाई रहित दूध या आर्गेनिक मिल्क का विकल्प चुनें, जो स्वस्थ और पचाने में आसान होता है।
- मिताली जैन