By अभिनय आकाश | Apr 25, 2023
ब्रिटेन में राजशाही को खत्म करने की मांग कई सालों से उठती रही है। मांग करने वालों का तर्क है कि लोकतंत्र के युग में राजशाही गैरजरूरी है। वहीं 70 साल के शासन के बाद पिछले सितंबर में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की 96 साल की उम्र में मृत्यु हो जाने के बाद 74 वर्षीय चार्ल्स ने ब्रिटेन की गद्दी संभाली। 900 से अधिक वर्षों से चली आ रही परंपरा में आगामी 6 मई को लंदन के वेस्टमिंस्टर एब्बे में चार्ल्स की औपचारिक ताजपोशी के साथ तीन दिनों के कार्यक्रमों की शुरुआत होगी। अधिकांश ब्रितानी राजशाही रखना चाहते हैं लेकिन किंग चार्ल्स III को युवा लोगों का समर्थन नहीं मिला है। ब्रिटेन के किंग के राज्याभिषेक से दो सप्ताह से भी कम समय पहले एक सर्वे किया गया है।
ब्रिटेन के 38 प्रतिशत युवा राजशाही को खत्म करने के पक्ष में
YouGov सर्वेक्षण के अनुसार, 68 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने राजशाही को बनाए रखने का समर्थन किया, जबकि 26 प्रतिशत राज्य के निर्वाचित प्रमुख के पक्ष में और 16 प्रतिशत ने पता नहीं वाला जवाब दिया है। चार्ल्स के 6 मई के राज्याभिषेक से पहले बीबीसी द्वारा किए गए सर्वेक्षण ने संकेत दिया कि केवल एक तिहाई युवा राजशाही का समर्थन करते हैं जबकि 38 प्रतिशत राज्य के निर्वाचित प्रमुख को पसंद करते हैं। 18-24 वर्ष के तीन-चौथाई से अधिक लोगों ने कहा कि उन्हें शाही परिवार में रूचि नहीं है।
राजशाही परिवार की चकाचौंध पर सालान कितना खर्च
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट की मानें तो ब्रिटिश रॉयल फैमिली ने जून 2022 में बताया था कि 2021-22 में ब्रिटेन के शाही परिवार पर वहां की जनता के टैक्स के 10.24 करोड़ पाउंड यानी करीब 940 करोड़ रुपए खर्च हुए। ये 2020 में रॉयल फैमिली पर खर्च हुए 8.63 करोड़ पाउंड यानी करीब 793 करोड़ रुपए के खर्च से 17 प्रतिशत ज्यादा हैं।