By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 19, 2022
नयी दिल्ली। स्थानीय तेल उत्पादकों पर लगने वाले अप्रत्याशित लाभ कर में कटौती उम्मीद के मुताबिक है, लेकिन ऐसा अनुमान नहीं था कि विमान ईंधन (एटीएफ) और डीजल निर्यात पर कर में वृद्धि की जाएगी क्योंकि स्थानीय बाजारों में इनकी अच्छी आपूर्ति हो रही है। विश्लेषकों ने शुक्रवार को यह राय जताई। सरकार ने अप्रत्याशित लाभ कर की तीसरे पखवाड़े की समीक्षा में डीजल के निर्यात पर कर पांच रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर सात रुपये प्रति लीटर कर दिया है, वहीं विमान ईंधन के निर्यात पर फिर दो रुपये प्रति लीटर का कर लगाया गया है।
घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर कर को 17,750 रुपये प्रति टन से घटाकर 13,000 रुपये प्रति टन किया गया है। इस महीने की शुरुआत में सरकार ने विमान ईंधन के निर्यात पर अप्रत्याशित लाभ कर खत्म कर दिया था। मॉर्गन स्टेनली ने एक रिपोर्ट में कहा, ‘‘इस पखवाड़े की समीक्षा में भारत में तेल उत्पादकों के लिए अप्रत्याशित लाभ कर में जो कटौती की गई है वह उम्मीदों के अनुरूप है।’’ इसमें आगे कहा गया, ‘‘हालांकि विमान ईंधन और डीजल के निर्यात पर कर में वृद्धि की हमें उम्मीद नहीं थी क्योंकि स्थानीय बाजारों में पर्याप्त आपूर्ति हो रही है।’’
घरेलू स्तर पर कच्चे तेल पर लगने वाले अप्रत्याशित लाभ कर में कटौती तेल की कीमतों में गिरावट आने के मद्देनजर की गई है। सरकार ने एक जुलाई को पेट्रोल और एटीएफ पर छह रुपये प्रति लीटर तथा डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर का निर्यात शुल्क लगाया था। इसके अलावा कच्चे तेल के घरेलू उत्पादन पर 23,250 रुपये प्रति टन का अप्रत्याशित लाभ कर लगाया गया था। उस समय वित्त मंत्रालय ने कहा था कि हर पखवाड़े कर की समीक्षा की जाएगी। पहले पखवाड़े की समीक्षा के बाद, 20 जुलाई को सरकार ने पेट्रोल के निर्यात पर छह रुपये प्रति लीटर की दर से लागू निर्यात शुल्क को खत्म कर दिया था।
वहीं डीजल एवं एटीएफ के निर्यात पर लगने वाले कर में दो-दो रुपये की कटौती कर इसे क्रमशः 11 रुपये एवं चार रुपये प्रति लीटर कर दिया गया था। घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर लगने वाले कर को भी 23,250 रुपये प्रति टन से घटाकर 17,000 रुपये प्रति टन कर दिया गया। सरकार ने दो अगस्त को डीजल के निर्यात पर कर को 11 रुपये से घटाकर पांच रुपये प्रति लीटर कर दिया, वहीं एटीएफ पर इसे खत्म करने का फैसला लिया गया है। इसी तरह, पेट्रोल के निर्यात पर शून्य कर जारी रखा लेकिन घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर कर 17,000 रुपये प्रति टन से बढ़ाकर 17,750 रुपये प्रति टन कर दिया गया।