By अंकित सिंह | Jul 24, 2023
समाजवादी पार्टी को एक बड़ा झटका लगा है। पूर्व सपा नेता शालिनी यादव, जिन्होंने 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था, सोमवार को बाद में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गईं। शालिनी ने पार्टी में शामिल होने के बाद कहा कि समाजवादी पार्टी में मेहनती कार्यकर्ताओं की बात नहीं सुनी जा रही थी। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में उनकी हार के पीछे यह एक कारण था।
शालिनी यादव वाराणसी से कांग्रेस के पूर्व सांसद और राज्यसभा के उपसभापति स्वर्गीय श्यामलाल यादव की बहू हैं। वह 2019 में समाजवादी पार्टी में शामिल हो गईं थी। शालिनी 2017 में कांग्रेस से वाराणसी नगर निगम के मेयर चुनाव में भी असफल रही थीं। वह बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की पूर्व छात्रा हैं। अपने पहले संसदीय चुनाव में, शालिनी ने 2019 के लोकसभा चुनावों में पीएम मोदी के खिलाफ वाराणसी सीट से चुनाव लड़ा और 4.75 लाख से अधिक वोटों के अंतर से हार गईं।
अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोमवार को विपक्षी दलों के पूर्व मंत्री, पूर्व सांसद और पूर्व विधायक समेत कई प्रमुख नेताओं को उनके समर्थकों समेत पार्टी में शामिल कराया। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी और उत्तर प्रदेश सरकार के दोनों उप मुख्यमंत्रियों केशव प्रसाद मौर्य व ब्रजेश पाठक ने राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) छोड़कर आये पूर्व सांसद राजपाल सैनी (मुजफ्फरनगर), समाजवादी पार्टी छोड़कर आए प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री साहब सिंह सैनी (सहारनपुर), सपा के पूर्व सांसद अंशुल वर्मा (हरदोई) ,सपा की पूर्व विधायक सुषमा पटेल (जौनपुर),पूर्व मंत्री जगदीश सोनकर (जौनपुर),पूर्व विधायक गुलाब सरोज (जौनपुर), पूर्व कांग्रेस मीडिया चेयरमैन राजीव बक्शी (लखनऊ), आगरा से बसपा के पूर्व चेयरमैन जिला सहकारी बैंक गंगाधर कुशवाहा, हमीरपुर से सपा के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जितेंद्र मिश्रा, हापुड़ से सपा के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सत्यपाल यादव, हापुड़ से सपा की पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सुनीता यादव समेत कई प्रमुख नेताओं को भाजपा की सदस्यता दिलाई गई।