वर्ष 2005 में चौहान मध्यप्रदेश भाजपा के अध्यक्ष नियुक्त किए गए और उन्हें 29 नवंबर 2005 को उमा भारती और बाबूलाल गौर के बाद पहली बार प्रदेश के मुख्यमंत्री की कमान सौंपी गई।
प्रदेश की तेरहवीं विधानसभा के चुनाव में चौहान ने भाजपा के स्टार प्रचारक की भूमिका का बखूबी निर्वहन कर पार्टी को लगातार दूसरी बार विजय दिलाई। उन्होंने 12 दिसंबर 2008 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। चौहान के नेतृत्व में भाजपा ने तीसरी बार 165 सीटें जीती और चौहान तीसरी बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।
विकास और स्वच्छ छवि के लिए मध्य प्रदेश की जनता में लोकप्रिय शिवराज ने देश एवं विदेश में चल रहे कोरोना वायरस के खतरे के कारण आज सादगीपूर्ण कार्यक्रम में राजभवन में चौथी बार प्रदेश के मुख्यमंत्री की शपथ ली है।