वित्तीय हालत पर श्वेत पत्र जारी करे शिवराज सरकार: तरुण भनोत

By दिनेश शुक्ल | Jul 26, 2020

भोपाल। मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार द्वारा पारित विनियोग अध्यादेश के माध्यम से पारित बजट को लेकर प्रदेश के पूर्व वित्त मंत्री तरूण भनोत सवाल खडे किए है। पूर्व वित्त मंत्री तरूण भनोत ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार द्वारा पारित विनियोग अध्यादेश के माध्यम से जो बजट लाया गया है। उसमें विगत वर्ष की तुलना लगभग 28000 करोड़ की अनुमानित कमी की गई है। जिससे पता लगता है कि सरकार ने लेखानुदान के समय जो 40 परसेंट की वृद्धि दर बताई थी वह आंकड़ों की हेरा फेरी थी। प्रदेश के पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोत ने आश्चर्य व्यक्त किया है कि एफआरबीएम की ऋण लेने की सीमा बढ़ जाने के बावजूद भी बजट घट गया है। 

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शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र जो इस समय सामुदायिक चिंता का विषय है, में बजट की कमी दर्शाती है कि सरकार हताश है और आगे का रास्ता उसे सूझ नहीं रहा है। भनोत ने कहा कि जीएसटी रिजीम में  केंद्र सरकार ने वादा किया था कि 14% से कम वृद्धि होने पर वह राज्यों के घाटे की पूर्ति करेंगी किंतु यह वादा पिछले साल भी नहीं निभाया गया और मध्य प्रदेश के लगभग 14000 करोड़ रूपया शेष रह गए थे। मध्य प्रदेश सरकार को और अन्य सरकारों को भी यह मांग करनी चाहिए कि पेट्रोल और डीजल पर बढ़ाई गई आशातीत कीमतों से केंद्र सरकार को जो भारी मुनाफा हुआ है कम से कम उसका 20% राज्यों को दिया जाए ताकि राज्य इस संकट काल में अपनी व्यवस्था को टिकाऊ बना सकें। 

 

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तरुण भनोत ने सरकार को आगाह किया है कि लगभग 17 लाख प्रवासी मजदूर प्रदेश में आए हैं उनकी बेरोजगारी मुंह बाए खड़ी है। सरकार की योजनाओं से उन्हें जीरा बराबर भी रोजगार नहीं मिला है। शहरी मजदूर भी बेकाम हो रहा है, कुशल मजदूरों को भी रोजगार उपलब्ध नहीं है। मजबूरी में इन मजदूरों का फिरसे पलायन शुरू न हो जाए इसके लिए सरकार को बताना चाहिए कि बजट में उन्होंने क्या प्रावधान किये हैं। मध्यम वर्ग और सेवा क्षेत्र प्रदेश की जीडीपी में 40%से अधिक योगदान करता रहा है किंतु केंद्र और राज्य के बजट में उसकी पूरी तरह अनदेखी की गई है,क्या उसे  राज्य की ग्रोथ स्टोरी में हिस्सेदार नहीं बनाना चाहिये? लेकिन विधायक तोड़ सरकार के पास मध्यम वर्ग के लिये कोई सोच ही नहीं है। भनोत ने सरकार से वित्तीय स्थिति पर श्वेत पत्र जारी करने का मांग की है। उन्होंने कहा कि सरकार पारदर्शी बने और सदन से तथा प्रदेश की जनता से संपूर्ण बजट साझा करे। वर्तमान विनियोग अध्यादेश केवल एक बात की पुष्टि करता है कि मध्य प्रदेश में रामभरोसे सरकार जारी है।



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