By दिनेश शुक्ल | Aug 10, 2020
भोपाल। मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार एक बार फिर बाजार से कर्ज लेने जा रही है। कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करने के बाद से भाजपा की शिवराज सरकार बाजार से अब तक आठ बार कर्ज लेने चुकी है। प्रदेश की शिवराज सरकार ने सबसे पहले 26 मार्च 2020 को बाजार कर्ज उठाया था। तब से लेकर अब तक 65 हजार करोड़ का कर्ज सरकार ले चुकी है। वही एक बार फिर शिवराज सरकार एक हजार करोड़ का नया कर्ज 11 अगस्त को उठाने जा रही है। जानकारी के अनुसार यह कर्ज 11 अगस्त को रिजर्व बैंक के मुम्बई कार्यालय के माध्यम से ऑनलाईन उठाया जायेगा। नये कर्ज की पूर्ण अदायगी पन्द्रह साल बाद 12 अगस्त 2035 को की जायेगी। इस दौरान इस कर्ज पर साल में दो बार कूपन रेट पर ब्याज का भुगतान 12 फरवरी एवं 12 अगस्त को किया जायेगा। करीब छह माह के कार्यकाल में शिवराज सरकार की बाजार से कर्ज लेने की कुल राशि साढ़े सात हजार करोड़ रुपये हो जायेगी।
मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2018 में जीतकर 15 साल बाद सत्ता में लौटी कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने अपने 15 महिनों के कार्यकाल में हमेशा खाली खजाने की बात कही। पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार ने प्रदेश सरकार के खाली खजाने को लेकर विकास कार्यों में अवरोध आने की बात भी कही थी साथ ही किसान कर्जमाफी के अपने चुनावी वादे को पूरा करने के लिए उन्होनें भी बाजार से कर्ज उठाया था। हालंकि 15 महिने बाद भी कांग्रेस की आपसी कलह के चलते ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थकों के कांग्रेस पार्टी छोड़ने के बाद एक बार फिर बीजेपी ने सत्ता में वापसी की। वही तमाम विकास की योजनाओं को चालू रखने और कोरोना काल में जनता को आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाने के लिए शिवराज सरकार ने बाजार के कर्ज उठाया। अब तक भाजपा की शिवराज सरकार 65 हजार करोड़ का कर्ज बाजार से उठा चुकी है। सबसे पहले 26 मार्च 2020 को 1500 करोड़, उसके बाद लगातार हर माह कर्ज उठाया गया जिसमें 1 अप्रैल 2020 को 1 हजार करोड़, 30 मई 2020 को 500 करोड़, 5 जून 2020 को 500 करोड़, 3 जुलाई 2020 को 1 हजार करोड़, 13 जुलाई 2020 को 1 हजार करोड़ तथा 30 जुलाई को 1 हजार करोड़ रुपये का कर्ज उठाने की सूचना जारी की गई थी और अब 11 अगस्त 2020 को पुन: एक हजार करोड़ रुपयों का कर्ज उठाया जायेगा।