By नीरज कुमार दुबे | Nov 29, 2022
उत्तर प्रदेश के मैनपुरी संसदीय सीट पर हो रहे उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार के प्रचार के लिए पहुँचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनता का आह्वान किया कि वह भाजपा उम्मीदवार को चुने क्योंकि मैनपुरी किसी परिवार की विरासत नहीं बन सकती। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि अखिलेश यादव यहां कभी आते भी नहीं हैं और उन्होंने कोरोना काल खंड में भी यहां झांक कर किसी का हालचाल नहीं लिया था। यादव परिवार के गढ़ मैनपुरी में योगी अपने भाषण के जरिये अखिलेश यादव पर तो बरसे ही साथ ही उन्होंने शिवपाल सिंह यादव पर भी कटाक्ष करते हुए उन्हें घड़ी का पैंडुलम करार दे दिया।
उधर, उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया (प्रसपा) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव की सुरक्षा ‘जेड श्रेणी’ से घटाकर ‘वाई श्रेणी’ कर दी है जिसके बाद समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच वाकयुद्ध शुरू हो गया है। शिवपाल सिंह यादव की सुरक्षा श्रेणी कम किये जाने के बाद सपा मीडिया सेल ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया, ‘‘मैनपुरी के चुनाव में मतदान के पूर्व श्री शिवपाल सिंह यादव जी की सुरक्षा कम करना और रिवर फ्रंट की जांच का बंद पिटारा फिर से खोलना मैनपुरी में भाजपा की शर्मनाक हार और सत्ता के दुरुपयोग का स्पष्ट उदाहरण और चित्रण है, लेकिन भाजपा सत्ता के बल पर गुंडागर्दी ज्यादा दिन नहीं कर पाएगी।’’
वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने शिवपाल यादव की सुरक्षा श्रेणी को कम किये जाने को आपत्तिजनक बताया था जिस पर उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने पलटवार करते हुए कहा कि शिवपाल सिंह यादव को भतीजे अखिलेश यादव और सपा के अपराधियों से खतरा था अब दोनों (चाचा-भतीजा) में मिलाप हो गया है तो सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा टल गया है। उल्लेखनीय है कि हाल में सपा ने प्रसपा प्रमुख शिवपाल को मैनपुरी संसदीय क्षेत्र के उपचुनाव में अपना स्टार प्रचारक बनाया है। मैनपुरी में पांच दिसंबर को होने वाले चुनाव में सपा प्रमुख अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव का मुकाबला भाजपा के रघुराज सिंह शाक्य से है।
राजनीतिक जानकारों का भी कहना है कि एक रणनीतिक कदम के तहत भाजपा ने डिंपल यादव के खिलाफ शिवपाल यादव के करीबी माने जाने वाले रघुराज सिंह शाक्य को कथित तौर पर परिवार में दरार का फायदा उठाने की उम्मीद में मैदान में उतारा, लेकिन यादव परिवार की एकजुटता के चलते यह समीकरण कारगर होते नहीं दिखा। शिवपाल का डिंपल को समर्थन इसलिए अहम माना जा रहा है क्योंकि उनका जसवंतनगर विधानसभा क्षेत्र मैनपुरी लोकसभा सीट के अंतर्गत आता है और वे वहां के लोकप्रिय नेता हैं।
वहीं अपनी सुरक्षा घटाये जाने पर शिवपाल सिंह यादव ने कहा है कि हमें भाजपा से यही उम्मीद थी। उन्होंने कहा कि अब हमारी सुरक्षा हमारे कार्यकर्ता और जनता करेगी। शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि अब डिंपल यादव की जीत और भाजपा प्रत्याशी की हार और बड़ी होगी। हम आपको यह भी बता दें कि पुलिस अधीक्षक (प्रशिक्षण एवं सुरक्षा) वैभव कृष्ण का सोमवार को एक आधिकारिक पत्र सामने आया, जिसमें उन्होंने पुलिस आयुक्त, लखनऊ और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) इटावा को पत्र लिखकर प्रसपा प्रमुख एवं जसवंत नगर के विधायक शिवपाल सिंह यादव की सुरक्षा ‘जेड’ श्रेणी के स्थान पर ‘वाई’ श्रेणी किये जाने की जानकारी दी है। रविवार को लिखे गये पत्र में उन्होंने कहा कि 25 नवंबर को आयोजित राज्य स्तरीय सुरक्षा समिति की बैठक में यह निर्णय किया गया है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2018 में शिवपाल सिंह यादव को ‘जेड’ श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गयी थी। पुलिस के अनुसार ‘वाई’ श्रेणी की सुरक्षा में कुल 11 सुरक्षाकर्मी शामिल होते हैं जिनमें दो पीएसओ (निजी सुरक्षा गार्ड) भी होते हैं, जबकि ‘जेड’ श्रेणी की सुरक्षा में राष्ट्रीय सुरक्षा गारद (एनएसजी) के चार से पांच कमांडो सहित कुल 22 सुरक्षाकर्मी तैनात किये जाते हैं।