By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 19, 2017
मुंबई। शिवसेना ने ‘गौरक्षा’ के नाम पर हिंसा की हाल की घटनाओं पर आज चिंता जताई और पूछा कि जब हाल में कश्मीर में आतंकियों ने अमरनाथ यात्रियों पर हमला किया तब वे स्वयंभू ‘गो रक्षक’ कहां थे। शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में कहा गया कि गौरक्षा के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक को आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। सत्तारूढ़ राजग गठबंधन की साझेदार शिवसेना ने कहा कि पाकिस्तान गाय की रक्षा के नाम पर देश को विभाजित करना चाहता है।
गौरक्षा को लेकर विपक्ष के हमले की धार को भोथरा करने की कवायद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को इस तरह की ‘गुंडागर्दी’ को रोकने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों के कंधों पर डाल दी थी और जोर देकर कहा था कि वह ऐसे तत्वों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करें। संपादकीय में कहा गया, ''देश भर में गौरक्षकों ने जो हंगामा मचा रखा है उसे लेकर प्रधानमंत्री तक को आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। प्रधानमंत्री ने आलोचना की है और कहा है कि अब यह व्यापार बन चुका है, उसके बावजूद वे लोग नहीं रूके।’’
इसमें कहा गया, ‘‘देशभर में मुस्लिमों पर हमले हो रहे हैं और बीफ रखने के संदेह में उनकी हत्या की जा रही है।’’ शिवसेना ने कहा कि ऐसे समय में जब सीमाओं पर तनाव बना हुआ है, आतंरिक झगड़े देश की अखंडता के लिए विनाशकारी साबित हो सकते हैं। इसमें कहा गया, ''यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात में भी गौरक्षकों ने गौ रक्षा के नाम पर लोगों की बेदर्दी से हत्या की। राज्य से अमरनाथ यात्रा के लिए गए श्रद्धालुओं की जब आतंकी हत्या कर रहे थे तब ये गौरक्षक कहां थे? उन्हें हथियार उठाकर इसका बदला लेने के लिए कश्मीर जाने में कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। मर्दानगी और साहस सभी स्तर पर दिखाना चाहिए।’’
संपादकीय में कहा गया कि धर्म के नाम पर अगर गायों को बचाया जा सकता है तो धर्म के नाम पर ही राष्ट्र को बचाना भी और जरूरी है। तथाकथित गौरक्षक मोदी की राह में कांटे बिछा रहे हैं। ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री ने उनके आगे घुटने टेक दिए हैं क्योंकि उनके द्वारा इतनी बार चेतावनी देने के बाद भी उनका हंगामा थमा नहीं है।’’