By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jan 26, 2022
नयी दिल्ली| कांग्रेस की एक प्रमुख सहयोगी शिवसेना ने सरकार द्वारा प्रदान किये गये पद्म भूषण पुरस्कार स्वीकार करने को लेकर गुलाम नबी आजाद को उनकी ही पार्टी (कांग्रेस) के नेताओं के एक वर्ग द्वारा निशाना बनाने की कोशिश को बुधवार को नामंजूर कर दिया।
शिवसेना की राज्यसभा सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्विटर पर कहा कि राष्ट्रीय सम्मान अस्वीकार करने पर किसी को आजाद बताना और स्वीकार करने पर गुलाम बताना, प्रदर्शित करता है कि राष्ट्रीय सम्मान के प्रति किसी के विचार कितने सतही हैं।
कांग्रेस छोड़ कर शिवसेना में शामिल हो चुकी चतुर्वेदी ने कहा, ‘‘यह ना तो पहली बार और ना ही आखिरी बार है कि विपक्षी नेताओं को उनके कार्य को लेकर मान्यता दी जाएगी, कृपया गरिमा बनाए रखें।’’
उल्लेखनीय है कि पद्म भूषण पुरस्कार स्वीकार करने को लेकर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने आजाद पर तंज किया है। दरअसल, कांग्रेस नेतृत्व के साथ आजाद के मतभेद जगजाहिर हैं। पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य के पद्म भूषण पुरस्कार स्वीकार करने से इनकार करने का जिक्र करते हुए रमेश ने आजाद को ऐसा ही करने करने का सुझाव दिया था। कांग्रेस की पूर्व नेता सुष्मिता देव ने भी रमेश पर प्रहार किया और हैरानगी जताते हुए सवाल किया कि क्या असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरूण गोगोई को पद्म भूषण या पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न ने भी उन दोनों को गुलाम बना दिया।