By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Apr 02, 2019
मुम्बई। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को कहा कि हिंदुत्व उनकी पार्टी और बीजेपी को एक सूत्र में बांधता है और दोनों ने अतीत के अपने मतभेदों को भुलाकर चुनाव पूर्व गठबंधन करने का निर्णय किया है। पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में शिवसेना के सांसद संजय राउत को दिए साक्षात्कार में ठाकरे ने कहा कि मुद्दों के समाधान के लिए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह दो बार उनके पास आए जिसके बाद वह गठबंधन पर सहमत हुए। भाजपा, इसके नेतृत्व और राजग सरकार की नीतियों की शिवसेना अक्सर आलोचना करती रही है लेकिन सत्तारूढ़ गठबंधन के साथ हाल में उसने सीटों के बंटवारे को लेकर समझौता किया है। भाजपा और शिवसेना महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों में क्रमश: 25 और 23 सीटों पर लड़ने के लिए सहमत हुई है।
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ठाकरे ने कहा कि आपने मुझसे पूछा कि हम फिर से गठबंधन के लिए राजी क्यों हुए। पूरी दुनिया गवाह है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह मेरे पास एक बार नहीं बल्कि दो बार आए और जब गठबंधन की रूपरेखा तय हुई, हमने लोगों की समस्याओं को सामने रखा। यह सब जब हुआ तो मुख्यमंत्री भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि शाह चाहते थे कि दोनों दलों के बीच तनाव खत्म हो। वह भी भाजपा प्रमुख के विचारों से सहमत थे। एक अन्य सवाल के जवाब में ठाकरे ने कहा कि चर्चा के दौरान दोनों भगवा दलों के बीच तनाव के मुद्दों को हल किया गया। उन्होंने कहा कि पहले की तरह हिंदुत्व वह धागा है जो भाजपा और शिवसेना को एक सूत्र में बांधता है।
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उन्होंने विपक्षी दलों पर प्रहार करते हुए कहा कि अगर वे सत्ता में आए तो प्रधानमंत्री पद के लिए वे ‘‘झगड़ा’’ करेंगे क्योंकि उनमें एकजुट करने वाले नेता की कमी है। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल जिस तरीके से लोकसभा चुनावों से पहले एकजुट हुए हैं, यह आपातकाल के बाद उठाये गये कदम जैसा है। उस समय लोगों में काफी क्षोभ था और जनता पार्टी की सरकार बनी जो केवल 22 महीने चल पाई। उन्होंने दावा किया कि फिर जयप्रकाश नारायण उभरकर आए। अब देश में विपक्ष को एकजुट करने वाला कोई नहीं है। अगर विपक्ष सत्ता में आता है, उनके बीच प्रधानमंत्री पद को लेकर लड़ाई होगी।