By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Dec 02, 2021
नयी दिल्ली। पंजाब में विधानसभा चुनाव के पहले शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के नेता और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) के प्रमुख मनजिंदर सिंह सिरसा बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए। सिरसा यहां केंद्रीय मंत्रियों धर्मेंद्र प्रधान और गजेंद्र सिंह शेखावत की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हुए। भाजपा मुख्यालय में पार्टी में शामिल होने के बाद सिरसा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा से मुलाकात की। सिरसा राष्ट्रीय राजधानी में शिरोमणि अकाली दल का एक प्रमुख चेहरा रहे हैं और तीनों विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन का मजबूती से समर्थन कर रहे थे।
संसद ने हाल ही में तीन कानूनों को रद्द करने के लिए एक विधेयक पारित किया जिसे प्रदर्शनकारी किसानों को शांत करने के भाजपा के प्रयास के रूप में देखा गया है। प्रदर्शनकारियों में से बड़ी संख्या में पंजाब के सिख हैं। पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री और शिअद नेता सुखबीर सिंह बादल के पूर्व ओएसडी परमिंदर सिंह बराड़ भी बुधवार को भाजपा में शामिल हो गए। पिछले साल अक्टूबर में वह अकाली दल को छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे। शाह ने कहा कि सिरसा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सिख समुदाय के कल्याण के लिए भाजपा की प्रतिबद्धता पर भरोसा जताया है। उन्होंने कहा, “मुझे विश्वास है कि उनके पार्टी में शामिल होने से यह संकल्प और मजबूत होगा।”
सिरसा के बारे में नड्डा ने कहा, ‘‘मुझे यकीन है कि उनका अनुभव और कड़ी मेहनत भाजपा को और मजबूत करेगी।’’ पंजाब विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा के प्रभारी शेखावत ने कहा कि सिरसा को पार्टी में शामिल करने से निश्चित रूप से राज्य में अगले साल की शुरुआत में होने वाले चुनाव में मदद मिलेगी। भाजपा में शामिल होने के बाद सिरसा ने मीडिया से कहा, ‘‘मैंने हमेशा सिखों से जुड़े मुद्दों के लिए आवाज उठाई है। मैंने देश भर में सिखों से संबंधित मुद्दों के संबंध में गृह मंत्री अमित शाह जी के साथ बातचीत की। मुझे खुशी है कि न केवल उन्होंने मुझसे बात की बल्कि कहा कि वह इन मुद्दों को सुलझाना चाहते हैं और उन्हें प्रधानमंत्री के समक्ष भी उठाएंगे।’’ प्रधान ने कहा कि सिरसा के शामिल होने से भाजपा मजबूत होगी।
मंत्री ने कहा कि सिरसा ने भाजपा में शामिल होने से पहले डीएसजीएमसी में अपना पद छोड़ दिया था। भाजपा में शामिल होने से पहले सिरसा ने एक ट्वीट में दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) अध्यक्ष पद से इस्तीफे की घोषणा की। सिरसा को शिअद प्रमुख सुखबीर बादल का करीबी सहयोगी माना जाता था और जब सिख धर्म से जुड़े मुद्दों की बात आती है तो वह पार्टी के सबसे अधिक दिखाई देने वाले चेहरों में से एक हैं। सिरसा राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर प्रदर्शनकारी किसानों के लिए रसद की व्यवस्था करने में सबसे आगे रहे हैं।