कश्मीर के नाम पर झूठ फैलाकर शोहरत पाने की इच्छा रखने वाली शेहला का विवादों से रहा है पुराना नाता
By अभिनय आकाश | Aug 21, 2019
जम्मू कश्मीर में अब हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं। घाटी में स्कूल खोल दिए गए। सरकारी दफ्तर भी खोल दिए गए। लेकिन जिन्हें 370 पसंद है उन्हें तेजी से घाटी के सामान्य होते हालात पसंद नहीं आ रहे हैं। अलगाववादी सोच वाले लोग अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं चाहे वो कश्मीर में बैठे लोग हों या फिर दिल्ली में बैठी शेहला रशीद हो। जेएनयू छात्र संघ की पूर्व उपाध्यक्ष शेहला रशीद ने सेना पर संगीन आरोप लगा दिए। शेहला के आरोपों पर सुप्रीम कोर्ट के वकील ने दिल्ली पुलिस कमीश्नर से शिकायत कर गिरफ्तारी की मांग की है। सेना ने खुद कहा कि उनके आरोप गलत हैं। शेहला ने सेना पर बेबुनियाद आरोप लगाने वाले और ऐसे दावे करने वाले एक नहीं बल्कि दस ट्वीट किए।
शेहला के आरोपों को सेना पहले ही खारिज कर चुकी है। हर तरफ से घिरने के बाद शेहला सफाई दे रही हैं कि मेरे सारे ट्वीट्स लोगों से बातचीत के आधार पर हैं। मैंने प्रशासन के अच्छे कामों को भी हाईलाइट किया है। सेना को निष्पक्ष जांच करनी चाहिए। मैंने जितनी घटनाओं के बारे में लिखा है सबका ब्यौरा शेयर करने के लिए तैयार हूं। शेहला द्वारा अफवाहों को फैलाना जिस पर देश की सेना को प्रतिक्रिया देकर मना करना पड़े कि अफवाहें बंद करो।
कश्मीर के नाम पर नाम और शोहरत बनाने की इच्छा रखने वाली शेहला रशीद का नाम हमेशा से विवादों में रहा है। शेहला रशीद जैसे लोगों का नाम देश में उस टुकड़े टुकड़े गैंग के सक्रिय सदस्य के तौर पर प्रमुखता से लिया जाता है जो टुकड़े-टुकड़े गैंग इसी देश को मिली आाजदी के नाम पर देश विरोधी हरकतों को सही ठहराने के लिए जानी जाती है। कश्मीर से इंजीनियरिंग करने के बाद जेएनयू में एडमिशन लेकर समाजसेवी और फिर कश्मीर की पार्टी ज्वाइन करने का शेहला रशीद का सफर विवादों से भरा रहा है।
फरवरी 2016 में जेएनयू कैंपस में देशविरोधी नारों के बाद पहली बार शेहला रशीद का नाम मीडिया की सुर्खियों में आया था। जिसके बाद से ही वो विवादों में बनी रही। उन पर अब तक विवादित ट्वीट्स को लेकर कई मामले भी दर्ज हो चुके हैं। करीब पांच माह पहले मार्च में उन्होंने पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल द्वारा स्थापित जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट पार्टी ज्वाइन की है। जबकि तेजी से बदली जम्मू-कश्मीर की पृष्ठभूमि के बाद वर्तमान दौर में सालों से सत्ता में रही पीडीपी और नेशनल काफ्रेंस का ही अस्तित्व और साख दोनों संकट में है ऐसे दौर में जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट पार्टी और शेहला रशीद की स्वीकारिता शून्य के बराबर है।
2016 में देशविरोधी नारों के बाद से सुर्खियों में रही शेहला का नाम 2017 में पैगंबर मोहम्मद साहब पर एक फेसबुक पोस्ट की वजह से विवादों में रहा था। जिसके बाद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन ने शेहला के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। शेहला पर आरोप था कि उन्होंने अपने पोस्ट में पैगंबर के लिए काफी आपत्तिजनक बात लिखी थी। जिसके बाद साल 2018 में एक आइरिश गायिका के धर्म परिवर्तन को लेकर किए गए ट्वीट को लेकर सोशल मीडिया पर काफी ट्रोल हुई थी। फरवरी 2019 में देहरादून पुलिस ने उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था। पुलिस ने शेहला के देहरादून के हॉस्टल में 15-20 कश्मीरी लड़कियों को बंधक बनाने का आरोप वाले ट्वीट को आधार बनाया बनाते हुए मामला दर्ज किया था। फिलहाल वो एक बार फिर अपने ट्वीट को लेकर घिर गई हैं। शेहला जाने अनजाने में कश्मीर पर पाकिस्तान का एजेंडा चलाने की कवायद में हैं। जो दुनिया में उसे मुद्दा बनाए जाने की कोशिश में फेल रहा।