अयोध्या। राम नगरी अयोध्या में भगवान श्री राम के भव्य मंदिर निर्माण के बीच 6 दिसंबर विवादित ढांचा विध्वंस के 29वीं बरसी मनाया गया। देर शाम अयोध्या के हनुमानगढ़ी सहित कई अन्य मंदिरों में भी साधु-संतों ने दीप जलाकर शौर्य दिवस के रुप में मनाया। इस दौरान अयोध्या की सुरक्षा पर कड़ा पहरा रहा।
6 दिसंबर 1992 में विवादित ढांचा विध्वंस के बाद 9 नवंबर 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर के पक्ष में फैसला दिया। जिसके बाद मंदिर निर्माण का कार्य तेजी से शुरू कर दिया गया है तो वही यह घटना आज भी अयोध्या के जहन में है। जिसको लेकर प्रत्येक वर्ष इस दिन अयोध्या के साधु संत शौर्य दिवस के रूप में मनाते हैं। आज भी अयोध्या के सिद्ध पीठ हनुमान गढ़ी पर 1100 दीप जलाक साधु संतों ने बरसी का स्वागत किया।
हनुमानगढ़ी के पुजारी राजू दास ने कहा कि शौर्य दिवस आज इस के नाते मना रहे हैं कि जिस प्रकार से अयोध्या में संवैधानिक प्रक्रिया के तहत शांतिपूर्ण तरीके से भव्य दिव्य मंदिर निर्माण कार्य चल रहा है उसी प्रकार से हम लोग मांग करते हैं कि मथुरा और काशी भी संवैधानिक प्रक्रिया के तहत मुक्त हो क्योंकि धर्म के आधार पर जब देश का बंटवारा होता है और हिंदुस्तान और पाकिस्तान बनता है लेकिन हिंदुस्तान को धार्मिक स्वतंत्रता नहीं मिलती है क्योंकि जहां प्रसिद्ध व अच्छे मंदिर थे वहां पर वेधर्मियों व आक्रमणकारियों ने उस मंदिर को तोड़कर अपने धर्म की स्थापना की।
उन्होंने कहा कि देश संवैधानिक प्रक्रिया के तहत चलता है यह नगरी ऋषि-मुनियों व साधु संतों की है सनातन धर्म के लोगों की है। यहां विदेशी आक्रमणकारियों का क्या काम इस के नाते मैं साधुवाद दूंगा प्रधानमंत्री मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जिनके नेतृत्व में अयोध्या में भव्य मंदिर निर्माण कार्य चल रहा है। उसी प्रक्रिया के तहत मथुरा का भी निर्माण हो।