By अंकित सिंह | Dec 02, 2023
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री शरद पवार ने रविवार (3 दिसंबर) को आने वाले चार राज्यों के विधानसभा चुनाव नतीजों पर शनिवार को कहा कि वह कोई ज्योतिषी नहीं हैं, लेकिन लोग बदलाव देखना चाहते हैं। हालांकि नतीजे घोषित होने तक उनके लिए टिप्पणी करना उचित नहीं होगा। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में फूट पर शरद पवार ने कहा कि वह उचित समय पर बताएंगे कि कितने विधायक उनके साथ हैं। जब अजित पवार ने बगावत कर दी और महाराष्ट्र में शिवसेना (एकनाथ शिंदे)-भाजपा सरकार में शामिल हो गए तो पार्टी दो भागों में बंट गई।
शरद पवार ने यह भी कहा कि हमें पार्टी छोड़ने वालों की चिंता नहीं करनी है। हमें इसकी चिंता करने की बजाय नागरिकों के मुद्दों को उठाना चाहिए और उनका समाधान कराना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर हम अपने युवा नेताओं को मजबूत कर सकें तो आने वाले समय में चुनाव में आपको बड़ी सफलता मिलेगी। इसलिए, हमें काम करना शुरू कर देना चाहिए और अपनी विचारधारा के साथ लोगों तक पहुंचने का प्रयास करना चाहिए। इसलिए मुझे यकीन है कि अगर हम ऐसा कर सके, तो हम युवा नेताओं को उभरते हुए देखेंगे।
राकांपा प्रमुख शरद पवार ने यह भी कहा कि भाजपा से हाथ नहीं मिलाने के संबंध में हमारा रुख बिल्कुल स्पष्ट है। उन्होंने 2019 में अजित पवार के महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने को याद करते हुए कहा कि यह एक गलत निर्णय था। उन्होंने विस्तार से बताया कि अजित की इच्छा भाजपा के साथ जुड़ने की थी लेकिन यह हमें स्वीकार्य नहीं था। भारत के विश्व कप हारने के बाद कुछ विपक्षी नेताओं के पीएम मोदी पर 'पनौती' तंज पर टिप्पणी करते हुए शरद पवार ने कहा, "इसमें गलत क्या है, इसका मतलब परेशानी है।" राकांपा संरक्षक ने आगे कहा कि वह अजित पवार की कड़वी बातों से प्रभावित नहीं होते हैं।