By अंकित सिंह | Jun 23, 2022
महाराष्ट्र में लगातार राजनीतिक संकट बरकरार है। शिवसेना से एकनाथ शिंदे की बगावत के कारण महा विकास आघाडी सरकार खतरे में आ गई है। महा विकास आघाडी सरकार को एनसीपी और कांग्रेस का समर्थन हासिल था। इन सबके बीच आज एनसीपी की एक बड़ी बैठक हुई है। इस बैठक में खुद एनसीपी प्रमुख शरद पवार मौजूद रहे। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि बागी विधायकों को कीमत चुकानी होगी। इसके साथ ही बहुमत को लेकर जब सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इसका फैसला विधानसभा में होगा। शरद पवार ने साफ तौर पर कहा कि जब विधायक मुंबई लौट आएंगे, तभी तस्वीर साफ हो पाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि उधर सरकार ने काफी बढ़िया काम किया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि महा विकास अघाड़ी (MVA) ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को समर्थन देने का फैसला किया है।
हिंदुत्व याद क्यों नहीं आई?
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि सब जानते हैं कि कैसे शिवसेना के बागी विधायकों को गुजरात और फिर असम ले जाया गया। हमें उनकी मदद करने वालों का नाम लेने की जरूरत नहीं है...असम सरकार उनकी मदद कर रही है। मुझे आगे किसी का नाम लेने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि यह वक्त किसी की गलती निकालने के लिए नहीं है। सरकार बचाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। एकनाथ शिंदे के बयान पर उन्होंने कहा कि इसके पीछे कौन है? हिंदुत्व को लेकर दिए जा रहे बयान पर शरद पवार ने कहा कि जो लोग आरोप लगा रहे हैं, वह ढाई साल तक कहां थे? ढाई साल तक इन्हें हिंदुत्व याद क्यों नहीं आई?
अजित पवार का बयान
इससे पहले अजित पवार ने कहा कि इस सरकार को बचाने के लिए जो कुछ भी करना पड़े, उसे करने के लिए हम तैयार हैं। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि हमारे विधायक हमारे साथ हैं। उद्धव ठाकरे के साथ अंत तक खड़े रहेंगे। उन्होंने दावा किया कि एनसीपी ने कभी भी किसी भी काम में अड़ंगा नहीं लगाया। ये आरोप बेबुनियाद है। उन्होंने उम्मीद जताई कि उद्धव ठाकरे इस संकट को सुलझा लेंगे। महा विकास आघाडी छोड़ने के संजय राउत के बयान पर अजीत पवार ने कहा कि उन्होंने ऐसा बयान क्यों दिया है, इसके बारे में मैं कुछ नहीं कह सकता। उन्होंने कहा कि सरकार बचाने की जिम्मेदारी तीनों दलों की है। जब अजित पवार से पूछा गया कि इस बगावत के पीछे भाजपा का हाथ है, तो उन्होंने साफ तौर पर कहा कि अभी तक तो ऐसा नहीं लगा।