By अनुराग गुप्ता | Sep 21, 2021
नयी दिल्ली। साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षी दल रणनीति तैयार करने के लिए हर महीने एक बैठक कर सकते हैं। इस बैठक में विपक्षी दल आपसी मतभेद सुलझाएंगे और भाजपा को घेरने के लिए रणनीतियां तैयार करेंगे। दरअसल, ममता बनर्जी किसी भी हाल में भाजपा को घेरने का कोई भी मौका नहीं छोड़ना चाहती हैं।
शरद-ममता करेंगे बैठकें
प्राप्त जानकारी के मुताबिक ममता बनर्जी और एनसीपी प्रमुख शरद पवार इस पहल की शुरुआत करेंगे। पश्चिम बंगाल की सत्ता में फिर से वापसी करने के बाद ममता बनर्जी ने पांच दिवसीय दिल्ली दौरा किया था। जिसमें उन्होंने कांग्रेस समेत कई दलों के नेताओं से मुलाकात की थी। हालांकि नाम बदलने की मांग के साथ वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिली थीं।
दिल्ली दौरे के अंतिम दिन ममता बनर्जी ने कहा था कि वह दिल्ली आती रहेंगी। ममता के इसी वादे के चलते विपक्षी दलों की बैठकों का आयोजन होना है। कहा जा रहा है कि हर महीने विपक्षी दलों की बैठकें होंगी और आपसी मतभेदों को सुलझाकर एकजुटता का परिचय दिया जाएगा।
20 अगस्त को विपक्षी दलों की हुई बैठक में ममता बनर्जी ने 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के खिलाफ संयुक्त आंदोलनों को लेकर विपक्षी नेताओं का एक कोरग्रुप बनाने का प्रस्ताव रखा। यह बैठक कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने बुलाई थी।
इसमें ममता बनर्जी ने कहा कि हम यह भूल जाएं कि नेता कौन है, हम अपने निजी हितों का एक तरफ रख दें। हर विपक्षी दल को साथ लाया जाना चाहिए। लोग नेता हैं। हम एक कोर ग्रुप बनाएं और भावी कार्ययोजना एवं कार्यक्रम पर साथ मिलकर निर्णय लें।