By अभिनय आकाश | Mar 29, 2023
इजरायल इन दिनों अपनी घर की बगावत से दो-चार हो रहा है। इजरायल में जनता की आवाज अमन और शांति के साथ उठनी शुरू हुई थी। लेकिन सरकार और सिस्टम ने पॉवर दिखाई तो इजरायल की जनता सड़कों पर संग्राम करती नजर आई। इजरायल में इन दिनों ज्यूडिशयरी रिफॉर्म पर बवाल मचा है। वहीं एक मुल्क ऐसा भी है जो इजरायल की तर्ज पर न्यायिक शक्तियों में कटौती का मन बना रहा है। वो मुल्क कोई और नहीं बल्कि इन दिनों आर्थिक बदहाली झेल रहा पाकिस्तान है। राजनीतिक अस्थिरता के लंबे इतिहास लिए कर्ज के जाल में फंसे पाकिस्तान के हुक्मरान अब अदालतों पर अंकुश लगाने के लिए लाने वाले हैं नए फरमान। पाकिस्तान के वजीर-ए-आलम शहबाज शरीफ ने कहा है कि यदि संसद ने प्रधान न्यायाधीश की शक्तियों को कम करने के लिए कानून नहीं बनाया, तो इतिहास हमें माफ नहीं करेगा।
न्यायपालिका पर नियंत्रण चाहते हैं शहबाज
पाकिस्तान की संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए शहबाज शरीफ ने सुप्रीम कोर्ट के जज मंसूर अली शाह और न्यायमूर्ति जमाल खान मंडोखेल के असहमतिपूर्ण फैसले के बारे में विस्तार से बात की, जिन्होंने प्रधान न्यायाधीश के किसी भी मुद्दे पर कार्रवाई के लिए स्वत: संज्ञान लेने और विभिन्न मामलों की सुनवाई के लिए पसंद की पीठ का गठन करने के असीमित अधिकार की आलोचना की है। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार ने बताया कि इस बीच, पाकिस्तान के मंत्रिमंडल ने मंगलवार को एक कानून के मसौदे को मंजूरी दे दी है, जिसमें पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश की विवेकाधीन शक्तियों को कम करने का प्रावधान है।
इजरायल में क्यों हो रहे प्रदर्शन?
पिछले दो महीने से जनता लगातार इजरायल के ज्यूडिशयरी रिफॉर्म के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है। लेकिन 26 मार्च से इजरायली जनता इतने आक्रोश में है कि अब सड़कों पर जोर आजमाइश कर रही है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि नेतन्याहू पर भ्रष्टाचार के मुकदमें दर्ज हैं और वो जेल जाने से बचने के लिए जजों पर लगाम लगाने की कोशिश कर रहे हैं। देश में भारी प्रदर्शन को देखते हुए राष्ट्रपति इसहाक हर्ज़ोग ने कहा कि आज रात हमने कुछ बहुत ही कठिन दृश्य देखे। मैं प्रधानमंत्री, सरकार और गठबंधन के सदस्यों की ओर रुख कर रहा हूं। भावनाएँ कठिन और दर्दनाक हैं। लोगों में गहरी चिंता व्याप्त है। सुरक्षा, अर्थव्यवस्था, समाज - सब कुछ खतरे में है।