By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Feb 25, 2023
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार जनजातीय समुदाय के कल्याण के लिए 89 हजार करोड़ रुपये खर्च कर रही है जबकि कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकारने 24 हजार करोड़ रुपये खर्च किए थे। उन्होंने पिछली कांग्रेस नीत सरकारों पर आदिवासी समुदाय और उसके नायकों की उपेक्षा का आरोप भी लगाया।
शाह ने मध्य प्रदेश के सतना में शबरी माता जयंती के मौके पर ‘‘ कोल महाकुंभ’’ को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘ ऊपर मोदी जी, नीचे शिवराज जी, मध्य प्रदेश में ‘डबल इंजन’ की सरकार हर गरीब के जीवन में सुख पहुंचाने के लिए संकल्पित है। मैं कहना चाहूंगा इसी साल चुनाव आने वाले है और चुनाव में फिर भाजपा सरकार बनाना है।’’
उन्होंने सभा में मौजूद लोगों से कहा कि सभी लोग भाजपा की सरकार को चुनेंगे, कमल के बटन को दबा कर मोदी जी (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) को चुनेंगे तो दोनों हाथ उठाइए और बोलिए ‘‘भारत माता की जय।’’ मालूम हो कि मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं और अनुसूचित जनजाति मतदाताओं का एक बड़ा हिस्सा है। शाह ने कहा कि कांग्रेस सरकार जनजातीय समुदायों के विकास के लिए 24,000 करोड़ रुपये खर्च करती थी, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह आंकड़ा बढ़कर 89,000 करोड़ रुपये हो गया है।
उन्होंने कहा कि आजादी के बाद देश में एक बड़े समय तक शासन करने वाली कांग्रेस ने कभी जनजातीय समुदाय के किसी व्यक्ति को राष्ट्रपति बनाने के बारे में नहीं सोचा था, जबकि मोदी सरकार ने सुनिश्चित किया कि शीर्ष पद एक गरीब आदिवासी परिवार की महिला को मिले। द्रौपदी मुर्मू ने पिछले साल 25 जुलाई को भारत के राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी। वह जनजातीय समुदाय से पहली और देश के शीर्ष पद पर आसीन होने वाली दूसरी महिला हैं।
शाह ने शंकर शाह और रघुनाथ शाह को समर्पित एक स्मारक बनाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कदम का हवाला देते हुए कहा कि मोदी सरकार ने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले जनजातीय समुदाय के लोगों के सम्मान में स्मारक का निर्माण कर रही है। उन्होंने कहा कि कोल जनजाति से जुड़े कोल गढ़ी को 3.5 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से विकसित किया जाएगा।
कमलनाथ के नेतृत्व वाली राज्य की पिछली कांग्रेस सरकार पर हमला करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसने चौहान द्वारा शुरू की गई कल्याणकारी योजनाओं को रोक दिया था। कमलनाथ सरकार दिसंबर 2018 से मार्च 2020 तक मध्य प्रदेश में सत्ता में थी। शाह ने कहा कि मोदी सरकार पांच किलो अनाज मुफ्त देने, तीन करोड़ से ज्यादा लोगों को घर देने, पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज और 10 करोड़ घरों में शौचालय मुहैया कराकर जनजातियों, अनुसूचित जातियों, गरीबों और पिछड़ों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में आदिवासियों को भाजपा को वोट देना चाहिए ताकि उनके लिए विकास के और कार्य पूरे किए जा सकें।
सतना मध्य प्रदेश के विंध्य के सात जिलों में से एक है, और भाजपा ने इस क्षेत्र में 2018 के विधानसभा चुनाव में 30 में से 24 सीटों पर जीत हासिल की थी। उस वक्त सत्ता में आई कांग्रेस को महज छह सीटें मिली थीं और चार जिलों में उसका खाता भी नहीं खुल सका था। भाजपा के लिए चिंता की बात यह है कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) ने इस क्षेत्र में पैठ बना रही है।
आप ने सिंगरौली में महापौर का चुनाव जीता और पिछले साल हुए स्थानीय निकाय चुनावों में अच्छा खासा वोट हासिल किया है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री चौहान, केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, प्रदेश भाजपा प्रमुख वी डी शर्मा सहित अन्य उपस्थित थे।