By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Apr 29, 2017
जम्मू। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने 2019 के लोकसभा चुनाव में फतह हासिल करने के वास्ते पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूत करने के लिए जम्मू से 95 दिन की रणनीतिक देशव्यापी यात्रा आज शुरू की। राज्य में खराब होती कानून एवं व्यवस्था और गठबंधन साझेदार भाजपा और पीडीपी के बीच तनाव के मद्देनजर इस यात्रा की अहमियत है। दोनों दलों के बीच भाजपा के कुछ नेताओं और एक मंत्री की कुछ टिप्पणियों के बाद तनाव आया है।
शाह आज सुबह जम्मू हवाई अड्डे पहुंचे, जहां मंत्रियों और पार्टी नेताओं ने उनकी अगवानी की। बाद में उन्हें स्कूटर और बाइक रैली के एक बड़े काफिले में सरकारी गेस्ट हाउस ले जाया गया। जम्मू में हजारों झंडे, फूल और बैनर लगाए गए हैं। भाजपा नेताओं राम लाल, जितेंद्र सिंह और अनिल जैन के साथ शाह गर्वन्मेंट कन्वेंशन सेंटर में सांसदों, विधायकों, विधान परिषद के सदस्यों और राज्य के पदाधिकारियों की बैठक को संबोधित करेंगे।
शाह की यह यात्रा उनके उस मिशन का हिस्सा है जिसके तहत वह आज से 95 दिनों के लिए पूरे भारत के दौरे पर निकले हैं। इस दौरान वह 2019 के लोकसभा चुनाव जीतने की रणनीति बनाएंगे और पार्टी 2014 में जिन स्थानों पर हारी थी वहां 120 सीट लाने पर ध्यान केंद्रित करेंगे। वह चुनावी महत्व के हिसाब से एक से तीन दिनों तक राज्यों में समय बिताएंगे। राज्यों को चुनावी महत्व के हिसाब से तीन श्रेणियों में बांटा गया है।
शाह ने अपनी इस यात्रा के बारे में शुक्रवार को नयी दिल्ली में कहा था, ‘‘2014 में हम जिन स्थानों पर हारे थे, वहां के लिए हमने 120 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। मेरे दौरे में हमारे संगठन की शक्ति का जायजा लेने पर ध्यान केंद्रित होगा और पूरे देश में विचारधारा और चुनावी अपील के विस्तार पर ध्यान दिया जाएगा।’’ शाह मुख्य तौर पर पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों पर ध्यान दे रहे हैं जहां तीन दिन बिताने के बाद वह गुरुवार रात लौटे हैं। भाजपा ने 2014 के लोकसभा चुनावों में ओडिशा, तेलंगाना, केरल और पश्चिम बंगाल में 102 में से महज चार सीटों पर जीत दर्ज की थी। उन्होंने संगठन में फेरबदल पर भी संकेत दिए क्योंकि कई पदाधिकारी उत्तरप्रदेश सरकार में मंत्री बन चुके हैं।
भाजपा के कुछ सहयोगियों में भगवा दल के विस्तार की योजना पर चिंता जताने की खबर को शाह ने तवज्जो नहीं दी और कहा कि हर जगह संगठन का विस्तार करना उनका काम है। साथ ही उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य जिन 120 सीटों के लिये है उनमें राजग के सहयोगी दलों की सीट शामिल नहीं होगी। पार्टी ने चुनावी महत्व के हिसाब से राज्यों को ए, बी और सी श्रेणी में बांट दिया है और वह वहां क्रमश: तीन, दो और एक दिन व्यतीत करेंगे। जनसंघ के विचारक दीन दयाल उपाध्याय की 101वीं जयंती पर 25 सितम्बर को उनकी यात्रा समाप्त होगी।