By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 08, 2020
बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा है, जैसा कि आपको विदित है कि कुछ दिन पहले पूर्णिया जिले के एक सामाजिक राजनीतिक कार्यकर्ता की जघन्य हत्या की गयी। अत्यधिक व्यस्तता की वजह से मुझे थोड़ी देर से तमाम मामले की जानकारी प्राप्त हुई। फिर हमने यह भी देखा कि एक प्रेरित एफआईआर जिसमें मुझे और मेरे बड़े भाई को नामजद करने के बाद आपके मीडिया-प्रबंधन के कौशल की कहानियाँ सामने आने लगी। दिन-रात आपके प्रवक्ताओं/नेताओं की ओछी और आधारहीन टिप्पणियों के बावजूद मेरा मानना है कि कानून अपना काम करे, त्वरित अनुसंधान हो और जैसा आपके शासन की प्रवृति रही है, सत्ता शीर्ष पर बैठे आला लोग इसे प्रभावित करने की कोशिश करने के लिए भी स्वतंत्र है। उन्होंने पत्र में उनसे कहा, आपके अपने ही लोग कई बार आपके अधीन काम कर रही बिहार पुलिस की साख और काबिलियत पर प्रश्न-चिन्ह उठा चुके हैं। पीड़ित परिवार को यथाशीघ्र न्याय मिले और दूध का दूध और पानी का पानी हो, इस मंशा के साथ मैं आपसे आग्रह करता हूँ कि इस मामले की राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर की किसी भी एजेंसी से अविलंब जाँच कराने की अनुशंसा की जाए। तेजस्वी ने नीतीश से कहा, गृहमंत्री के नाते अगर आप चाहे तो नामांकन पूर्व हमें गिरफ्तार कर पूछताछ के लिए बुला सकते है।
आशा है आप इस पर त्वरित विचार करते हुए अनुसंधान की जिम्मेवारी सीबीआई को सौंपने की अनुशंसा करेंगे। पूर्णिया जिले में केहाट थाना क्षेत्र पूर्व राजद नेता शक्ति मलिक की गत रविवार सुबह को मोटरसाइकिल से आए तीन नकाबपोश अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले में मलिक की पत्नी खुशबू देवी के बयान के आधार पर तेजप्रताप, तेजस्वी, अनिल कुमार साधु (राजद एससी-एसटी प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष), मनोज, सुनिता और कालो पासवान के खिलाफप्राथमिकी दर्ज की गयी थी। खुशबू देवी ने एक राजनीतिक साजिश के तहत अपने पति की हत्या किए जाने का का आरोप लगाया था और कई नेताओं के नाम लिए थे। उन्होंने कहा था कि उनके पति राजद से निकाले जाने के बाद एक निदर्लीय उम्मीदवार के रूप में विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे। हाल ही बिहार की प्रमुख विपक्षी पार्टी राजद से निष्कासित कर दिए गए मलिक पडोसी जिला अररिया के रानीगंज विधानसभा से चुनाव लडने की तैयारी में जुटे थे। मलिक द्वारा अपनी हत्या के पूर्व राजद नेता तेजस्वी प्रसाद यादव सहित पार्टी के अन्य नेताओं पर टिकट के बदले पैसे की मांग करने, जातिगत टिप्पणी करने और उनसे अपनी जान को खतरा होने का आरोप लगाया था।