चीन के साथ तनाव बढ़ने से बाजार पर असर, सेंसेक्स लुढ़का; निवेशकों को हुआ भारी नुकसान

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 31, 2020

मुंबई। शेयर बाजारों में पिछले छह कारोबारी सत्रों से जारी तेजी पर सोमवार को विराम लग गया। भारत-चीन सीमा पर फिर से तनाव की खबर के बाद बीएसई सेंसेक्स में 839 अंक की भारी गिरावट आयी। कारोबारियों के अनुसार हाल की तेजी के बाद मुनाफावसूली और रुपये की विनिमय दर में गिरावट से भी धारणा प्रभावित हुई। तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स में मजबूत शुरूआत हुई और सुबह के कारोबार में यह 40,000 अंक पर पहुंच गया। बाद में इसमें गिरावट आयी और यह दिन के उच्च स्तर से 1,600 अंक से भी अधिक नीचे आ गया। अंत में यह 839.02 अंक यानी 2.13 प्रतिशत की भारी गिरावट के साथ 38,628.29 अंक पर बंद हुआ। इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 260.10 अंक यानी 2.23 प्रतिशत टूटकर 11,387.50 अंक पर बंद हुआ। इस बीच,भारतीय सेना ने सोमवार को कहा कि भारतीय जवानों ने पैंगोंग सो झील क्षेत्र में 29 और 30 अगस्त की दरम्यानी रात यथास्थिति बदलने के चीन की पीएलए (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) के ‘उकसावे’ वाले सैन्य अभियान को विफल कर दिया। गलवान घाटी में 15 जून को दोनों पक्षों के बीच झड़प के बाद यह पहली बड़ी घटना है। उस समय 20 भारतीय जवा शहीद हो गये थे। घटना में कई चीनी सैनिक भी मारे गये थे। निवेशक शाम में जारी होने वाले जीडीपी के आंकड़े को लेकर भी सतर्क दिखे।

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सरकारी आंकड़े के अनुसार कोविड-19 संकट के बीच चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था में अप्रैल-जून तिमाही में 23.9 प्रतिशत की गिरावट आयी है। सेंसेक्स के शेयरों में सर्वाधिक नुकसान में सन फार्मा रही। इसमें 7.34 प्रतिशत की गिरावट आयी। एसबीआई, बजाज फिनसर्व, बजाज फाइनेंस, एनटीपीसी, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा और मारुति में भी गिरावट दर्ज की गयी। फ्यूचर ग्रुप के खुदरा, थोक, लॉजिस्टिक और गोदाम कारोबार के 24,713 करोड़ रुपये में अधिग्रहण के बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर 1.75 प्रतिशत नीचे आया। केवल ओएनजीसी और टीसीएस के शेयर लाभ में रहें। इनमें 1.74 प्रतिशत तक की तेजी आयी। आनंद राठी के इक्विटी शोध प्रमुख (फंडामेंटल) नरेंद्र सोलंकी ने कहा कि भारतीय बाजार बढ़त के साथ खुला लेकिन चीन के साथ सीमा पर तनाव की रिपोर्ट से दोपहर कारोबार में तेजी को बरकरार नहीं रख पाया। उन्होंने कहा, ‘‘साथ ही सेबी की मार्जिन के संबंध में नई व्यवस्था मंगलवार से शुरू हो रही है।इसका असर मझोले और छोटी कंपनियों के शेयरों पर भी संभवत: पड़ा।

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इन शेयरों में आक्रमक तरीके से मुनाफावसूली देखी गयी।’’ इसके अलावा बुनियादी उद्योग के उत्पादन के कमजोर आंकड़े से भी बाजार धारणा प्रभावित हुई। आठ बुनियादी उद्योग का उत्पादन जुलाई में 9.6 प्रतिशत घटा। यह लगातार पांचवां महीना है जब बुनियादी उद्योगों का उत्पादन घटा है।मुख्य रूप से इस्पात, रिफाइनरी उत्पादों और सीमेंट के उत्पादन में कमी से उत्पादन कम हुआ है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के सोमवार को जारी आंकड़े के अनुसार आठ बुनियादी उद्योगों के उत्पादन में जुलाई 2019 में 2.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। वैश्विक स्तर पर एशिया के अन्य बाजारों में चीन में शंघाई, हांगकांग और दक्षिण कोरिया का सोल नुकसान में रहे जबकि जापान का टोक्यो लाभ में रहा। यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरूआती कारोबार में तेजी रही। इस बीच, वैश्विक मानक ब्रेंट क्रूड का भाव 1.48 प्रतिशत मजबूत होकर 46.49 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। इधर, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 21 पैसे की गिरावट के साथ 73.60 पर बंद हुआ।

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