Indian Navy की समंदर में सबसे बड़ी स्ट्राइक देख दुनिया ने बांधे तारीफों के पुल, भारत बोला- दोस्त इसलिए ही होते हैं

By अभिनय आकाश | Mar 18, 2024

जिस समय दुनियाभर के देश आपस में ही लड़ रहे हैं ठीक उसी वक्त कई देशों को बचाने के लिए भारत अकेला ही भिड़ रहा है। भारतीय सेना ने पहली बार एक दिल दहला देने वाला ऑपरेशन किया है। भारतीय सेना 40 घंटों तक हमला करती रही। भारत के मरीन कमांडोज पहली बार ऑपरेशन के लिए आसमान से कूद पड़े। इन कमांडोज ने 3 देशों के नागरिकों को बचाया और 35 समुद्री डाकुओं को दबोच कर भारत ले आए। ये घटना इतनी बड़ी है कि दुनिया के कई देश भारतीय सेना की जमकर तारीफ कर रहे हैं। कुछ देश तो पीएम मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर को बधाई भी दे रहे हैं। 

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सोमालिया के समुद्री डाकुओं को जिस तरह से भारतीय नौसेना ने पटका उसकी चर्चा दुनियाभर के कई देशों में हो रही है। बीते दिनों जितनी घटनाएं समुंदर में देखने को मिली उसने अमेरिका समेत कई देशों को चिंता में डाल दिया है। ऐसे में भारतीय नौसेना का ये एक्शन देख जहां 35 समुद्री डाकुओं ने सरेंडर कर दिया। उसे देख एक देश भारत की प्रशांसा करने से खुद को रोक नहीं पाया है। ये देश बुल्गारिया है। बुल्गारिया की उप प्रधानमंत्री मारिया गैब्रियल ने थैक्स कहा है। भारतीय नौसेना ने 40 घंटे की खोज के बाद सोमालिया के समुद्री डाकुओं द्वारा हाईजैक शिप एमबी रूबेन को बचा लिया। मार्कोश कमांडो के आगे समुद्री डाकुओं ने हाथ खड़े कर दिए। नौसेना ने इस ऑपरेशन को सफलता के साथ पूरा किया। 

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नौसेना के इस ऑपरेशन में बुल्गारिया के सात नागरिकों को भी बचाया गया है। इसके बाद ही बुल्गारिया ने भारत के एक्शन की जमकर तारीफ की है। बुल्गारिया की उप प्रधानमंत्री मारिया गैब्रियल ने आभार जताते हुए कहा कि आपके समर्थन और महान प्रयास के लिए धन्यवाद। हम चालक दल की सुरक्षा के लिए मिलकर काम करना जारी रखेंगे। बुल्गारिया की उप प्रधानमंत्री ने इस ट्वीट में पीएम मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर को टैग किया था। उनके इसी थैक्स के जवाब में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि दोस्त इसी के लिए होते हैं। पिछले साल 14 दिसंबर को सोमालिया के डाकुओं ने एक जहाज को हाईजैक कर लिया था। जिसमें चालक दल में अंगोला, बुल्गेरिया और म्यांमार के 17 लोग शामिल थे। पिछले तीन महीने से सोमालिया के ये डाकु जहाज को अलग-अलग जगह पर ले जा रहे थे। इस जहाज का इस्तेमाल दूसरे जहाजों का अपहरण करने के लिए कर रहे थे। लेकिन भारत इस जहाज को लगातार ट्रैक कर रहा था और फिर 35 डाकुओं को उनकी औकात दिखा दी। 


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