सुरक्षा कानून को लेकर हांगकांग की नेता ने कहा- ये स्वतंत्रता के लिए खतरा नहीं

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | May 26, 2020

हांगकांग। हांगकांग की शीर्ष नेता ने मंगलवार को कहा कि चीन द्वारा प्रस्तावित राष्ट्रीय सुरक्षा कानून इस अर्द्ध-स्वायत्त क्षेत्र के नागरिक अधिकारों के लिए कोई खतरा पैदा नहीं करता। हांगकांग की मुख्य कार्यकारी कैरी लैम ने संवाददाताओं से कहा चीन की औपचारिक नेशनल पीपुल्स कांग्रेस जिस कदम पर विचार कर रही है उससे ‘‘हमें चिंतित होने की जरूरत नहीं’’ है। उन्होंने कहा,‘‘हांगकांग ने यह साबित किया है कि हम उन मूल्यों को बरकरार और संरक्षित रखते है।’’ उन्होंने कहा,‘‘ हांगकांग के लोगों की बड़ी आबादी के ज्यादा फायदे के लिए विधेयक के इस भाग की जरूरत है।’’ लैम ने कहा कि हांगकांग के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे में एक जून से ट्रांजिट सेवा शुरू हो जाएगी लेकिन कोरोना वायरस को रोकने के लिए उठाए गए कदमों के तहत विदेश से किसी को यहां आने की इजाजत नहीं दी जाएगी।

इसे भी पढ़ें: चीन में कोरोना वायरस के 36 नए मामले, 29 में नहीं दिखे कोई भी लक्षण

चीन के इस नए कानून को हांगकांग में पिछले साल लोकतंत्र की मांग को लेकर चले विरोध प्रदर्शनों के बाद, उस पर ज्यादा नियंत्रण स्थापित करने की सरकार की मंशा के तौर पर देखा जा रहा है। चीन ने हांगकांग के लिए नया प्रतिनिधि नियुक्त किया है, जो चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग द्वारा स्थापित कड़े नियमों का पालन कर रहा है। अमेरिका ने इस प्रस्तावित कानून की तीखी आलोचना की है और हांगकांग के साथ तरजीही व्यापार दर्जे को भी समाप्त करने की धमकी दी है। चौतरफा आलोचनाओं ने बीच लैम ने कहा कि हांगकांग पर कानून लागू करने के संबंध में ‘‘कुछ विदेशी नेताओं’’ ने ‘‘सच्चाई से परे विचार’’ जाहिर किए हैं। उन्होंने आतंकवाद और चरमपंथ पर चिंता व्यक्त करते हुए अपने उन दावों को दोहराया कि यह कानून केवल ‘‘एक अल्पसंख्यक समूह’’पर केन्द्रित होगा। ऐसी आशंका व्यक्त की जा रही है कि यह हांगकांग के कानून को खत्म कर देगा तथा चीनी एजेंटों को मनमाने ढंग से उन लोगों को गिरफ्तार करने का अधिकार देगा जो लोकतंत्र समर्थक हैं।

प्रमुख खबरें

गलतफहमी पैदा करना सही नहीं... छगन भुजबल को लेकर अजित पवार ने तोड़ी चुप्पी

ब्रिटेन ने खालिस्तानियों को ब्रिटेन का आश्वसासन, भारतीय एजेंसियों के उत्पीड़न के आरोपों पर कहा- हम धमकियों को बर्दाश्त नहीं करते

Pooja Khedkar Case: दिल्ली हाईकोर्ट से पूजा खेडकर को बड़ा झटका, खारिज हुई जमानत याचिका

चुनाव नियमों में सरकार ने अब कर दिया कौन सा बड़ा बदलाव, भड़क गया विपक्ष, क्या इससे कोई गड़बड़ी होने की आशंका है?