LoC पर दुश्मन के नापाक मंसूबे नाकाम करने के लिए सुरक्षा बल पूरी तरह मुस्तैद, Jammu-Kashmir में बाकी जगहों पर भी सुरक्षा कड़ी

By नीरज कुमार दुबे | Aug 13, 2024

स्वतंत्रता दिवस से पहले जम्मू-कश्मीर में चप्पे चप्पे पर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किये गये हैं। नियंत्रण रेखा से लेकर शहरों और गांवों के कोनों तक सुरक्षा बल अलर्ट पर हैं। गुरेज सेक्टर स्थित एलओसी पर हमारे जवान हर समय सतर्क निगाह बनाये हुए हैं ताकि स्वतंत्रता दिवस समारोह को बाधित करने के दुश्मन के प्रयासों को विफल किया जा सके। इसके अलावा, जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर इस समय वाहनों की जांच के अलावा सुरक्षा के अन्य प्रबंध भी किये जा रहे हैं ताकि दुश्मन के नापाक मंसूबों को नाकाम किया जा सके।


इस बीच, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने लोगों से ऐसे तत्वों का समर्थन नहीं करने का आग्रह किया है, जो इस केंद्र शासित प्रदेश में शांति और विकास के लिए नुकसानदेह हों। सिन्हा ने अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए को निरस्त करने को ऐतिहासिक बदलाव बताते हुए यह भी दावा किया कि इस कदम के बिना आधी आबादी अपने अधिकारों से वंचित रह जाती। उन्होंने रविवार कहा, ‘‘मैं लोगों से कहना चाहता हूं कि वे शांति और विकास के लिए नुकसानदेह तत्वों को मजबूत न करें।’’

इसे भी पढ़ें: लोगों को Jammu and Kashmir में शांति, विकास के लिए नुकसानदेह लोगों को मजबूत नहीं करना चाहिए: Sinha

जेल में बंद नेता इंजीनियर राशिद के संसद सदस्य के रूप में निर्वाचित होने को लेकर कुछ राजनीतिक दलों की आलोचना और इससे लोकतांत्रिक राजनीति में अलगाववाद बढ़ने की आशंका को लेकर सिन्हा सवालों का जवाब दे रहे थे। उपराज्यपाल ने कहा, ‘‘यह सच है कि ऐसे तत्व संसद तक पहुंच गए हैं। देश उन्हें जानता है और हम भी उन्हें जानते हैं। लोकतंत्र में पूरी तरह आजाद मतदाताओं से मैं आग्रह करता हूं कि वे राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखते हुए निर्णय लें।’’ हम आपको बता दें कि राशिद ने बारामूला निर्वाचन क्षेत्र से जीत के बाद 18वीं लोकसभा के सदस्य के रूप में शपथ ली। राशिद ने बारामूला में नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला को दो लाख से अधिक मतों से हराया। निर्दलीय सांसद राशिद को 2017 के आतंकी-वित्तपोषण मामले में गिरफ्तार किया गया था।


सिन्हा ने अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए को निरस्त किए जाने को शांति और विकास के ऐतिहासिक युग की शुरुआत बताया। नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने 2009 में तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष अधिकार देने वाले अनुच्छेदों को रद्द करते हुए इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था। उन्होंने कहा, ‘‘अनुच्छेद 370 को निरस्त करना ऐतिहासिक था। इससे जम्मू-कश्मीर में शांति और विकास का एक नया अध्याय शुरू हुआ है। हमने यह सुनिश्चित करने की पूरी कोशिश की है कि जम्मू-कश्मीर सबसे आगे रहे, हर व्यक्ति की आकांक्षाएं पूरी हों और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यहां स्थिरता स्थापित हो।’’


उपराज्यपाल ने कहा कि प्रशासन ने इस संबंध में महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। उन्होंने कहा, ‘‘भेदभाव का दौर बीत चुका है। (तत्कालीन) पश्चिमी पाकिस्तान से आए शरणार्थी, वाल्मीकि, दलित, आदिवासी और विशेष रूप से महिलाओं जैसे हाशिये पर पड़े समुदायों को उनके अधिकार दिए गए हैं। अगर अनुच्छेद 370 को समाप्त नहीं किया गया होता, तो यहां की 50 प्रतिशत से अधिक आबादी को उनके उचित अधिकार नहीं मिल पाते। यह एक बड़ा परिवर्तन है।’’ सिन्हा ने इस मुद्दे पर सरकार की आलोचना करने वाले नेताओं पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने कहा, ‘‘यह देश संविधान से चलता है और इसे बनाए रखने की शपथ लेने वालों से मेरी हमेशा यही अपेक्षा रहती है कि वे समझें कि एक नया युग क्यों शुरू हुआ है।''

प्रमुख खबरें

सर्दियों में ड्राई स्किन होगी दूर, बस इस तरह से चेहरे पर लगाएं फेस टोनर, पूरे दिन रहेंगी आप हाइड्रेट

IND vs AUS: यशस्वी जायसवाल ने किया कमाल, 15वें टेस्ट में ही कर ली गौतम गंभीर की बराबरी

महाराष्ट्र चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन चौंकाने वाला, अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन: Chavan

Uttarakhand में टैक्स फ्री हुई The Sabarmati Report, विक्रांत मेस्सी के साथ फिल्म के देखने के बाद CM Dhami ने की घोषणा