हिन्दू धर्म में वर्ष भर में कई व्रत एवं त्यौहार आते है जो विशेष लाभदायक रहते है लेकिन विशेष शक्तियां प्राप्त करने का पर्व गुप्त नवरात्रि का होता है। इन गुप्त नवरात्रि में तांत्रिक क्रियाएं एवं शक्ति साधना करने का विशेष महत्व होता है। इन्ही गुप्त नवरात्रि का महत्व धार्मिक ग्रंथो एवं पौराणिक कथाओं में भी बताया गया है। माह जुलाई की 3 तारिख से गुप्त नवरात्रि प्रारंभ हो रही है। हिंदू पंचाग के अनुसार आषाढ़ माह में आने वाली गुप्त नवरात्रि इस बार आठ दिन की रहेंगी एवं गुप्त साधनाओं से आषाढ़ माह के आठ दिन पूर्ण होंगे। हम आपको बताएंगे कि इन आठ दिन में आपको किसकी पूजा कर गुप्त साधना पूरी करनी है।
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इन 8 देवियों की करें पूजा-
गुप्त नवरात्र आषाढ़ शुक्ल प्रति पदा बुधवार दिनांक 3 जुलाई से प्रारंभ हो रहे है जो 10 जुलाई बुधवार को पूर्ण होगें। इन आठ दिनों में पूजा अर्चना कर आप कई प्रकार की साधना प्राप्त कर सकते है। यह तो हम सभी जानते है कि नवरात्रि में देवीयों की पूजा-अर्चना होती है लेकिन गुप्त नवरात्रि में उन्हीं देवियों को पूजा जाता है जो तंत्र-मंत्र और कई प्रकार की सिद्धियां प्रदान करती है। इसलिए इस गुप्त नवरात्रि में 8 देवियों की पूजा-अर्चना कर आप सिद्धियां प्राप्त कर सकते है। 8 दिन की गुप्त नवरात्रि में आप महाकाली, तारा, त्रिपुरा सुंदरी, भुवनेश्वरी, त्रिपुरा भैरवी, मां धुमावती, मां बग्ला मुखी एवं कमलादेवी की पूजा अर्चना एवं साधना करें।
तांत्रिक क्रिया एवं शक्ति साधना का है विशेष महत्व-
गुप्त नवरात्र का तांत्रित एवं अद्भुत शक्ति प्राप्त करने वाले बेसब्री से इंजतार करते है। क्योकि गुप्त नवरात्रि के यह दिन तांत्रिक क्रियाएं एवं शक्ती साधना तथा महाकाल से जुड़े साधनाओं के लिए विशेष महत्व रखते है। समुचे नवरात्र में माता के नवरूपों की साधना साधक करते है। इसी गुप्त नवरात्रि में कठीन व्रत, पूजा एवं यज्ञ अनुष्ठान कर बड़ी से बड़ी सिद्धि प्राप्त की जाती है। जो व्यक्ति को अपार बलशाली तो बनाती ही है साथ ही भूत, प्रेत एवं आत्माओं को वश में करने की ताकत भी प्रदान करती है।
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4 को सिद्धी योग एवं 10 को है बढ़लिया नवमी-
गुप्त नवरात्री में कई प्रकार के संयोग बनते है। जो नये-नये अवसर लेकर आते है। इस बार की गुप्त नवरात्रि में दो विशेष संयोग है। आषाढ़ शुक्ल 2 गुरूवार 4 जुलाई को सिद्धि योग के साथ ही चन्द्र दर्शन पर्व रहेगा। इसी दिन चन्द्र दर्शन करना विशेष फलदायी है। साथ ही बुधवार दिनांक 10 जुलाई को बढ़लिया नवमी पर्व है जो की एक अबुझ मुहूर्त के अंतर्गत माना गया है। इस महुर्त में किया गया हर कार्य पूर्ण होगा। इसलिए इस गुप्त नवरात्रि में इन दो दिनों का विशेष ध्यान रखे।
- कमल सिंघी