By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Nov 29, 2019
नयी दिल्ली। बाजार नियामक सेबी ने बृहस्पतिवार को सरकार को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (यूबीआई) के शेयरधारकों के लिये खुली पेशकश से छूट दे दी। सरकार की ओर से बैंक में प्रस्तावित शेयर पूंजी डाले जाने के बाद बैंक में उसकी हिस्सेदारी में 12.48 प्रतिशत बढ़ने को देखते हुए उसे यह छूट दी गयी है। हालांकि सरकार को छूट सर्शत दी गयी है। बैंक को न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता नियमों के अनुपालन के लिए सार्वजनिक हिस्सेदारी बढ़ाकर 25 प्रतिशत करनी होगी।
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बैंक ने नवंबर में अपने प्रवर्तक भारत सरकार की ओर से सेबी से उसे अधिग्रहण नियमन से छूट देने का आग्रह किया था। केंद्र सरकार ने बैंक में 11,768 करोड़ रुपये की इक्विटी पूंजी डालने का प्रस्ताव किया है। यह पूंजी तरजीही आधार पर शेयर आवंटन के जरिए दी जा रही है। बैंक में पूंजी डालना सरकार के बासेल नियमों के तहत बैंकों में पूंजी आधार बढ़ाने के कार्यक्रम का हिस्सा है। फिलहाल बैंक में सरकार की 74.27 प्रतिशत हिस्सेदारी है और प्रस्तावित 165.98 करोड़ इक्विटी शेयर के आवंटन से बैंक में सरकारी हिस्सेदारी 12.48 प्रतिशत बढ़कर 86.75 प्रतिशत हो जाएगी। इस हिस्सेदारी के आधार पर अधिग्रहण नियमन (एसएएसटी) के तहत खुली पेशकश की अनिवार्यता है।
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भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एक आदेश में कहा कि बैंक में शेयर पूंजी डाले जाने से प्रबंधन नियंत्रण में बदलाव नहीं होगा। अतिरिक्त पूंजी का उपयोग पूंजी पर्याप्तता में सुधार तथा बैंक के सामान्य व्यापार कार्यों में किया जाएगा। इसको देखते हुए नियामक ने सरकार को अधिग्रहण नियमन की जरूरतों के अनुपालन से छूट दी है।