By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Dec 04, 2018
नयी दिल्ली। एक उच्चस्तरीय समिति ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) को भारतीय कंपनियों को विदेशी एक्सचेंजों में सीधे सूचीबद्ध कराने की सिफारिश की है। समिति का कहना है कि इसी तरह विदेशी कंपनियों को भी भारतीय शेयर बाजारों में सीधे सूचीबद्ध होने की अनुमति दी जानी चाहिए।
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अभी भारतीय कंपनियां विदेशी एक्सचेंजों में डिपॉजिटरी रिसीट्स के जरिये सूचीबद्ध हो सकती हैं। उसी तरह विदेशी कंपनियों को अपने शेयरों को भारतीय बाजारों में सूचीबद्ध करने के लिए भारतीय डिपॉजिटरी रिसीट्स का रास्ता अपनाना पड़ता है। इसके अलावा भारतीय कंपनियां अपने ऋण प्रतिभूति उत्पादों को सीधे विदेशी एक्सचेंजों में सूचीबद्ध करा सकतीं हैं। इसके लिये वह ‘मसाला बांड्स’ जारी कर सकती हैं।
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समिति ने अपनी 26 पृष्ठ की रिपोर्ट में भारतीय कंपनियों को विदेशी बाजारों और विदेशी कंपनियों को भारतीय बाजारों में सीधे सूचीबद्ध कराने का सुझाव दिया है। समिति की सिफारिश है कि इस ढांचे के तहत अनुमति वाले क्षेत्र में किसी निश्चित स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्धता की अनुमति दी जानी चाहिए। अनुमति वाले क्षेत्र से तात्पर्य ऐसे स्थान से है जो संधि के तहत किसी जांच की स्थिति में भारतीय अधिकारियों के साथ सूचना साझा करने और सहयोग की प्रतिबद्धता में बंधा हुआ है। सेबी ने समिति की सिफारिशों पर 24 दिसंबर तक सार्वजनिक टिप्पणियां मांगी हैं। इस समिति का गठन सेबी ने जून में किया था। समिति को भारतीय कंपनियों के विदेशी बाजारों में सूचीबद्धता तथा विदेशी कंपनियों को भारतीय बाजारों में सूचीबद्धता पर सिफारिश देनी थी।