By अंकित सिंह | Aug 10, 2023
अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा में तीसरे दिन की चर्चा जारी है। अविश्वास प्रस्ताव पर के खिलाफ बोलते हुए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने विपक्षी दलों पर जबरदस्त तरीके से प्रहार किया। उन्होंने कहा कि वे न तो देश के नतीजे सुनने को तैयार हैं जो साफ तौर पर बीजेपी के पक्ष में आ रहे हैं और न ही वे संसद में सांसदों की बात सुनने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि हमारे पीएम नरेंद्र मोदी ने संसद के बाहर मणिपुर के बारे में बात की, लेकिन वे संसद के अंदर चर्चा चाहते हैं। गृह मंत्री के पास समय है और उन्होंने कहा कि हम चर्चा के लिए तैयार हैं, लेकिन उन्होंने पिछले 17 दिनों से संसद नहीं चलने दी।
सिंधिया के संबोधन के दौरान विपक्ष ने बहिर्गमन किया। इस पर सिंधिया ने कहा कि देश ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया है, अब वे लोकसभा भी छोड़ रहे हैं। उन्हें अपने अविश्वास प्रस्ताव पर विश्वास नहीं है। उन्होंने दावा किया कि पूर्वोत्तर के सभी मुद्दों को कांग्रेस सरकार ने हवा दी। उन्होंने बाहरी देशों को इस हिंसा को भड़काने दिया। उन्होंने कहा कि पिछले नौ साल, मणिपुर में सबसे शांतिपूर्ण साल रहे हैं। जब आप (कांग्रेस) सत्ता में थे तब की तुलना में विद्रोह तीन गुना कम है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के तहत, पूर्वोत्तर राज्य अन्य देशों के साथ-साथ देश के बाकी हिस्सों से भी जुड़े हुए हैं। सातों बहनें पहले सात उपेक्षित बहनें थीं। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुरुवार को विपक्ष पर कटाक्ष किया और उस समय के बारे में पूछा जब मणिपुर में अशांति थी और कांग्रेस सत्ता में थी।
ज्योतिरदतिया सिंधिया ने कांग्रेस से पूछा, "आप पूछ रहे थे कि मणिपुर के सांसद क्यों नहीं बोल रहे हैं। जब आपकी सरकार सत्ता में थी और मणिपुर जल रहा था तो सांसद क्या कह रहे थे।" उन्होंने कहा कि मुझे 20 साल हो गए हैं इस संसद में लेकिन ऐसा दृश्य मैंने दो दशक में नहीं देखा है। प्रधानमंत्री के प्रति जो शब्द इस्तमाल किए गए हैं विपक्ष के द्वारा मैं मानता हूं सदन के सामने नहीं लेकिन देश की जनता के सामने माफी मांगनी चाहिए। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य एम सिंधिया ने कहा कि कल राहुल गांधी ने कहा कि पीएम के लिए मणिपुर भारत का हिस्सा नहीं है। मैं आपको बताना चाहता हूं कि पीएम ने पूर्वोत्तर को दुनिया से जोड़ा है। भारत को बांटकर देखने की विचारधारा आपकी है, हमारा नहीं है। उन्होंने कहा कि PM के रोम रोम मे भारत माता बसती हैं। जब कुछ विपक्षी दलों ने सिंधिया द्वारा पार्टी बदलने का मुद्दा उठाया तो उन्होंने कहा कि आपकी वजह से ही छोड़ा। मेरा मुंह मत खुलवाओं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वे (कांग्रेस) कहते हैं कि वे नफरत के बाजार में प्यार की दुकान खोलेंगे। इनकी दुकान भ्रष्टाचार, झूठ, तुष्टिकरण और अहंकार की है। वे केवल दुकान का नाम बदलते हैं लेकिन उत्पाद वही रहता है।