By इंडिया साइंस वायर | Sep 28, 2020
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए वैज्ञानिकों को दिए जाने वाले प्रतिष्ठित शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार 2020 की घोषणा कर दी गई है। इस वर्ष पुरस्कार के लिए देश की विभिन्न वैज्ञानिक प्रयोगशालाओं में कार्यरत चौदह वैज्ञानिकों को चुना गया है। पुरस्कार पाने वालों में कैंसर से लेकर ड्रग डिलिवरी, पर्यावरण और पादप रोग जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर उल्लेखनीय शोध कार्य करने वाले वैज्ञानिक शामिल हैं।
चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), कानपुर की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. बुशरा अतीक और पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन ऐंड रिसर्च (पीजीआई), चंडीगढ़ के डॉ. रितेश अग्रवाल को भटनागर पुरस्कार दिया गया है। डॉ. बुशरा ने अपने शोध में बताया है कि प्रोस्टेट कैंसर के रोगियों को दी जाने वाली एंटी एंड्रोजन दवाओं को लंबे समय तक दिया जाना हानिकारक हो सकता है। दूसरी ओर, डॉ. रितेश अग्रवाल को सांस की खतरनाक बीमारी एलर्जी ब्रोंकोपुलमोन एस्परगिलोसिस (एबीपीए) के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य के लिए यह पुरस्कार दिया गया है।
अणुओं के कार्बनिक संश्लेषण के जरिये दवा वितरण को प्रभावी बनाने से संबंधित शोध कार्य के लिए इंडियन एसोसिएशन फॉर द कल्टिवेशन ऑफ साइंस, कोलकाता के स्कूल ऑफ केमिकल साइंसेज की शोधकर्ता डॉ. ज्योतिर्मयी दास को रसायन विज्ञान संवर्ग में भटनागर पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इसी श्रेणी में जवाहरलाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस्ड साइंटिफिक रिसर्च, बेंगलूरू के शोधकर्ता डॉ. सुबी जैकब जॉर्ज को भी पुरस्कार दिया गया है। डॉ. जॉर्ज एक ऑर्गेनिक केमिस्ट हैं, जो सुपरमॉलिक्यूलर संश्लेषण पर काम करते हैं।
पृथ्वी, वायुमंडल, महासागर एवं ग्रहीय विज्ञान के क्षेत्र में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), खड़गपुर के वैज्ञानिक डॉ. अभिजीत मुखर्जी और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), बॉम्बे के डॉ सूर्येंदु दत्ता को पुरस्कृत किया गया है। मुखर्जी भूविज्ञान प्रोफेसर हैं, जो स्थायी पेयजल स्रोत के रूप में भूजल स्रोतों पर आधारित अध्ययन कर रहे हैं। वहीं, आईआईटी, बॉम्बे के पृथ्वी विज्ञान विभाग में कार्यरत डॉ. दत्ता का अध्ययन शेल गैसों पर केंद्रित है और वे तलछट तथा कच्चे तेल में उच्च प्लांट बायोमार्कर पर काम करते हैं।
इंजीनियरिंग विज्ञान के लिए सीएसआईआर-राष्ट्रीय रासायनिक प्रयोगशाला (एनसीएल), पुणे के डॉ. अमोल अरविंदराव कुलकर्णी और भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र, मुंबई के डॉ किंशुक दासगुप्ता को सम्मानित किया गया है। डॉ कुलकर्णी का शोध कार्य मल्टीफेज रिएक्टर और माइक्रो-रिएक्टर विकसित करने पर केंद्रित है। इसके अलावा, गणितीय विज्ञान के लिए, भारतीय सांख्यिकी संस्थान के शोधकर्ता डॉ. रजत सुभ्र हाजरा और आईआईटी-बॉम्बे के डॉ. यू.के. आनंदवर्धन को भी पुरस्कृत किया गया है।
भौतिक विज्ञान के लिए यह पुरस्कार जवाहरलाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस्ड साइंटिफिक रिसर्च, बेंगलूरू के शोधकर्ता डॉ. राजेश गणपति और हैदराबाद विश्वविद्यालय के डॉ सुरजीत धारा को दिया गया है। जैविक विज्ञान के लिए, सेंटर फॉर डीएनए फ़िंगरप्रिंटिंग ऐंड डायग्नोस्टिक्स, हैदराबाद के डॉ शुभदीप चटर्जी और नेशनल सेंटर फॉर बायोलॉजिकल साइंसेज की वैज्ञानिक डॉ वत्सला थिरुमलाई को पुरस्कार के लिए चुना गया है। डॉ. चटर्जी का काम उन तंत्रों पर केंद्रित है जो पौधों में जीवाणु रोग को बढ़ावा देते हैं या शमन करते हैं। डॉ थिरुमलाई तंत्रिका सर्किट पर काम करती हैं, जो जानवरों में विकास और वयस्कता के दौरान गति को नियंत्रित करते हैं।
सीएसआईआर के 79वें स्थापना दिवस के अवसर पर इन पुरस्कारों की घोषणा की गई है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ. शेखर मांडे की मौजूदगी में इन पुरस्कारों की घोषणा की गई है। डॉ हर्षवर्धन और डॉ मांडे ने पुरस्कार विजेताओं के कार्य को सराहा है और उन्हें बधाई दी है।
इस अवसर पर सीएसआईआर के अन्य पुरस्कारों की घोषणा भी की गई है। इन पुरस्कारों में स्कूली बच्चों के लिए नवाचार पुरस्कार, सीएसआईआर-युवा वैज्ञानिक पुरस्कार, सीएसआईआर-प्रौद्योगिकी पुरस्कार, सीएसआईआर-ग्रामीण विकास के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी नवाचार पुरस्कार, सीएसआईआर-डायमंड जुबली प्रौद्योगिकी पुरस्कार और जी.एन. रामचंद्रन जैव विज्ञान विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी गोल्ड मेडल फॉर एक्सीलेंस शामिल हैं।
शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार को विज्ञान के क्षेत्र में देश का सर्वोच्च पुरस्कार माना जाता है। वैज्ञानिकों को यह पुरस्कार चिकित्सा विज्ञान, रसायन विज्ञान, पृथ्वी, वायुमंडल, महासागर एवं ग्रहीय विज्ञान, इंजीनियरिंग, बायोलॉजिकल साइंसेज, भौतिक विज्ञान और गणित के क्षेत्र में उत्कृष्ट शोध कार्य के लिए दिया जाता है। वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के संस्थापक अध्यक्ष और मशहूर वैज्ञानिक स्वर्गीय डॉ शांति स्वरूप भटनागर की स्मृति में यह पुरस्कार हर वर्ष सीएसआईआर की ओर से दिया जाता है।
(इंडिया साइंस वायर)