By अभिनय आकाश | Jul 18, 2024
परीक्षा और परिणाम रद्द करने की याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया गया कि परीक्षा आयोजित करते समय NTA को प्रणालीगत विफलता हुई थी। टेलीग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर NEET प्रश्न पत्र लीक होने पर भारत के मुख्य न्यायाधीश ने टिप्पणी की कि यह ध्यान में रखा जाना चाहिए कि ऐसा करने वाले किसी का विचार NEET का राष्ट्रीय स्वांग रचने का नहीं बल्कि पैसे के लिए है। सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए से पूछा कि 23.33 लाख में से कितने छात्रों ने अपना एग्जाम सेंटर बदला? इस पर एनटीए ने जवाब दिया कि करेक्शन के नाम पर छात्रों ने सेंटर बदला है। 15000 छात्रों ने करेक्शन विंडो का इस्तेमाल किया था। हालांकि एनटीए ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि छात्र सिर्फ शहर बदल सकते हैं और कोई भी उम्मीदवार सेंटर नहीं चुन सकता। सेंटर का चयन अलॉटमेंट सिस्टम द्वारा किया जाता है। सेंटर का अलॉक्शन परीक्षा से सिर्फ दो दिन पहले होता है, इसलिए किसी को नहीं पता कि कौन सा सेंटर मिलने वाला है।
एनटीए ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया है कि अंडरग्रेजुएट मेडिकल काउंसलिंग 24 जुलाई से शुरू होगी। सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) को एनईईटी यूजी के शहर और केंद्र-वार परिणाम शाम 5 बजे तक प्रकाशित करने को कहा है। शुक्रवार को यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उम्मीदवारों की पहचान उजागर न हो। सुनवाई सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
केंद्र ने पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर कर NEET-UG 2024 परीक्षा प्रक्रिया की अखंडता पर जोर दिया, जिसमें आईआईटी-मद्रास डेटा विश्लेषण के प्रमुख निष्कर्षों पर प्रकाश डाला गया। केंद्र ने कहा कि आईआईटी मद्रास की रिपोर्ट में बड़े पैमाने पर कदाचार या उम्मीदवारों के किसी स्थानीय समूह को अनुचित लाभ मिलने का कोई संकेत नहीं मिला है। इसमें कहा गया है कि उच्च अंकों का वितरण सभी केंद्रों में सुसंगत था। एनटीए ने भी एक अलग हलफनामा दायर किया जिसमें उसने कहा कि उसने अंकों के वितरण का विश्लेषण किया था जो इंगित करता है कि अंकों का वितरण बिल्कुल सामान्य है और ऐसा कोई बाहरी कारक नहीं है जो इसे प्रभावित करेगा।