By अभिनय आकाश | Aug 29, 2022
सुप्रीम कोर्ट ने केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन की जमानत याचिका पर सुनवाई शुरू की, जिन पर यूपी सरकार ने यूएपीए और कथित हाथरस साजिश मामले में अन्य आरोपों के तहत मामला दर्ज किया था। कप्पन की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल का कहना है कि पीएफआई कोई आतंकवादी संगठन या प्रतिबंधित संगठन नहीं है। सर्वोच्च न्यायालय का कहना है कि वह स्थगन की मांग वाली याचिका को स्वीकार नहीं करेगा क्योंकि जल्द सुनवाई की मांग की गई थी। कोर्ट ने याचिका पर कर्नाटक सरकार को नोटिस जारी किया।
भारत के मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित और न्यायमूर्ति एस. रवींद्र भट ने मामले के अंतिम निस्तारण के लिए नौ सितंबर की तिथि निर्धारित की है। लगभग दो साल सलाखों के पीछे बिता चुके कप्पन को अन्य आरोपियों के साथ अक्टूबर 2020 में यूपी पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था, जब वे हाथरस बलात्कार-हत्या अपराध की रिपोर्ट करने के लिए जा रहे थे। शुरू में उन्हें शांति भंग करने की आशंका के तहत गिरफ्तार किया गया था। बाद में, उन पर यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि वह और उनके सह-यात्री हाथरस सामूहिक बलात्कार-हत्या के मद्देनजर सांप्रदायिक दंगे भड़काने और सामाजिक सद्भाव को बाधित करने की कोशिश कर रहे थे।
पिछले दिनों कप्पनी की नौ साल की बेटी मेहनाज ने स्वतंत्रता दिवस पर एक भाषण दिया, जो खूब वायरल हुआ। उसे अपने भाषण में कहा- मैं मेहनाज कप्पन हूं। पत्रकार सिद्दीक कप्पन की बेटी, भारत का ऐसा नागरिक जिसकी स्वतंत्रता छीन कर उसे एक अंधेरे कमरे में रहने को मजबूर किया गया है।