तय अवधि की सजा को निलंबित वाली अपील पर निर्णय लेने में देरी को SC ने माना आधार, कहा- सजा निलंबित कर दी जानी चाहिए

By अभिनय आकाश | Feb 07, 2024

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निश्चित अवधि की सजा काट रहे व्यक्तियों को जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए और अगर उनकी सजा पूरी होने से पहले उनकी अपील पर फैसला होने की संभावना नहीं है तो उनकी सजा निलंबित कर दी जानी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट मध्य प्रदेश के एक मामले से निपट रहा था, जहां पांच साल की सजा का सामना कर रहे एक व्यक्ति को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने जमानत देने से इनकार कर दिया था। आदेश में न्यायमूर्ति एएस ओका की अध्यक्षता वाली शीर्ष अदालत की पीठ ने कहा कि इस न्यायालय के कई फैसलों के बावजूद कि जब एक निश्चित अवधि की सजा होती है और विशेष रूप से जब सजा की पूरी अवधि पूरी होने से पहले अपील पर सुनवाई होने की संभावना नहीं होती है, तो आम तौर पर सज़ा का निलंबन और जमानत दी जानी चाहिए।

इसे भी पढ़ें: देश के बीमारू राज्यों में से एक है केरल, खुद मार रहा पैर पर कुल्हाड़ी, केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया

अदालत ने आरोपी अतुल उर्फ ​​​​आशुतोष को ट्रायल कोर्ट के समक्ष पेश करने का निर्देश दिया, जो उच्च न्यायालय द्वारा अपील पर अंतिम निर्णय होने तक उसे उचित नियमों और शर्तों पर जमानत पर रिहा कर देगा। आदेश 2 फरवरी को पारित किया गया और इस सप्ताह वेबसाइट पर अपलोड किया गया। 31 अगस्त, 2023 को पारित एचसी के आदेश को रद्द करते हुए पीठ ने कहा कि हमने पाया है कि कई योग्य मामलों में जमानत से इनकार किया जा रहा है। ऐसे मामलों को कभी भी इस न्यायालय के समक्ष लाने की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए।

इसे भी पढ़ें: चंडीगढ़ चुनाव पर संजय राउत का तंज, SC के संज्ञान लेने से क्या होता है? महाराष्ट्र में भी तो...

अदालत के समक्ष याचिकाकर्ता को 44,000 के नकली नोट रखने के लिए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 489 (सी) के तहत दोषी ठहराया गया था। राज्य पुलिस ने उच्च न्यायालय के समक्ष जमानत का विरोध करते हुए दावा किया था कि उसके खिलाफ आरोप गंभीर था और एक जांच रिपोर्ट से पता चला कि उसके पास मौजूद सभी नोट नकली थे। शीर्ष अदालत ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने 2022 में दोषी ठहराया था और आरोपी आधी सजा काट चुका है।

प्रमुख खबरें

शीतकालीन सत्र के दौरान स्थगन, व्यवधान के कारण बर्बाद हुए 65 घंटे, छाया रहा अडानी-सोरोस का मुद्दा

Ladli Behna Yojana: महाराष्ट्र विधानसभा ने 33,788.40 करोड़ रुपये की अनुपूरक मांगों को किया पारित, मासिक सहायता बढ़ाकर 2,100 रुपये की जाएगी

Sports Recap 2024: इस साल कोहली- रोहित सहित इन खिलाड़ियों के घर गूंजी किलकारी, विदेशी प्लेयर्स भी शामिल

अपने विवादित भाषणों के चलते अक्सर चर्चा में रहते हैं Parvesh Verma, दिल्ली दंगों में लगे थे गंभीर आरोप