भगवान शिव के अत्यंत प्रिय और पवित्र माह श्रावण गत दिनों से प्रारम्भ हो गया हैं। इसी श्रावण माह में हिन्दू धर्म के अनेक व्रत और त्यौहार आते हैं। तमाम व्रत एवं त्यौहार का अपना एक अलग ही महत्व हैं। लेकिन श्रावण माह के सोमवार को शिव पूजा का विशेष महत्व रहता हैं। श्रावण सोमवार को की गई शिव पूजा का फल जल्द ही मिल जाता हैं। 22 जुलाई को श्रावण का पहला सोमवार हैं। आज हम आपको श्रावण सोमवार में किस प्रकार से शिव पूजा कर भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करना हैं। यह बताएंगे साथ ही आपको श्रावण सोमवार का महत्व भी बताएंगे। जिससे आप भगवान शिव को प्रसन्न करके अपनी इच्छा अनुरूप फल पा सकतें हैं।
क्यों हैं श्रावण सोमवार का महत्व-
हमारे पुराणों में इस बात का बखान किया गया हैं कि सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा करने से विशेष लाभ मिलता ही और सोमवार भगवान शिव को काफी पसंद हैं और श्रावण महीना भगवान शिव का काफी प्रिय माह हैं। इसलिए श्रावण माह में आने वाले सोमवार विशेष होते हैं। इस दिन सच्ची निष्ठा और साफ मन से की गई भगवान शिव की पूजा से शिवजी मन की इच्छाओं को पूरा करते हैं। गरुड़ पुराण में भी इस बात का उल्लेख हैं कि सावन के सोमवार को भगवान भोलेनाथ अत्यंत दयालु होते हैं और इस दिन भोलेनाथ से मांगी हर मनोकामना पूर्ण होती हैं। सावन के इन्ही सोमवार को कई राक्षसों ने भी भगवान शिव से अनेक वर हासिल किए थे।
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माता पार्वती ने किए थे व्रत-
भगवान भोलेनाथ काफी दयालु हैं। वे गांजा, भांग और भूतों की टोली के संग रहकर जंगलों में रहते थे। माता पार्वती भगवान शिव से विवाह करना चाहती थी लेकिन उनके पिता राजा दक्ष नहीं चाहते थे कि शिवजी के साथ पार्वती का विवाह हों। जिसके बाद अनेक उपाय किए और अंत में नारदजी ने माता पार्वती को यह युक्ति बतलाई की वे भगवान भोलेनाथ के प्रिय श्रावण माह के हर सोमवार को भक्ति भाव से पूजा पाठ कर व्रत करें। माता पार्वती ने शिवजी को पति रूप में पाने हेतु सावन के प्रत्येक सोमवार को कठोर व्रत किए थे। तब से श्रावण सोमवार को शिव पूजा और व्रत का विशेष महत्व रहता हैं।
ऐसे करें सावन सोमवार को शिवजी की पूजा-
सोमवार को तो हम भगवान शिव की पूजा करते ही हैं लेकिन सावन माह के सोमवार को विशेष विधि के तहत शिवजी की पूजा करनी चाहिए। श्रावण सोमवार को सबसे पहले आप सुबह जल्दी उठ जाए और स्नान कर पवित्र होकर सफेद वस्त्र धारण कर शिव मंदिर पहुँचे। जहाँ शिवलिंग पर जल चढ़ावें। जिसके बाद शिवलिंग को गाय का दूध, दही, शक्कर, शहद, थोड़ी सी हल्दी से बने पंचामृत से स्नान करवाएं। इस स्नान के बाद गंगा जल या शुद्ध जल से पुनः शिवलिंग को स्नान करवाएं। अब शिवलिंग पर अक्षत, रोली, चंदन, अबीर, गुलाल आदि चढ़ा देवे। फिर बिल पत्र और पुष्प चढ़ाकर भक्ति भाव से शिवजी और उनके परिवार की पूजा अर्चना करे। जिसके बाद धूप बत्ती व दीपक जलाकर शिवजी की आरती करे। पश्चात श्रीफल या कोई भी फल उन्हें अर्पित कर अपनी मनोकामना को लेकर विनती करें। इस प्रकार से की गई पूजा से भगवान शिव आपकी मनोकामना जल्द ही पूर्ण कर देंगे
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ब्रम्हचर्य का करें पालन-
श्रावण सोमवार को मांस, मदिरा आदि चीजो से दूर रहें। अगर आप श्रावण में भगवान शिव को प्रसन्न करना चाहते हैं तो ब्रम्हचर्य का पालन करें। सोमवार को तो विशेष रूप से ब्रम्हचर्य का पालन करें और किसी भी तरह के गलत और स्त्री के प्रति बुरे विचारों को अपने मन में ना आने दें, क्योंकि यह सावन महीना पवित्र माह हैं। जो शिवजी को समर्पित हैं।
- कमल सिंघी