By अनन्या मिश्रा | Jul 04, 2023
आज से यानी की 4 जुलाई 2023 से शिवजी की आराधना का महापर्व शुरू हो गया है। इस साल सावन का महीना 2 माह का होगा। ऐसे में सावन 58 दिन का होने वाला है। सावन का महीना 4 जुलाई 2023 से शुरू होकर 31 अगस्त तक चलेगा। बता दें कि 18 जुलाई से 16 अगस्त तक अधिक मास होने के कारण सावन 2 महीने का होगा। देवशयनी एकादशी से देवउठनी तक जगत के पालनहार भगवान विष्णु के योगनिद्रा में होने के कारण भगवान शिव इस जगत का संचालन करते हैं। वहीं सावन का महीना भगवान शंकर को अत्यंत प्रिय होता है।
सावन माह में पड़ने वाले सोमवार के दिन भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता के अनुसार, जो भी व्यक्ति सावन के सोमवार पर भगवान शिव की पूरी श्रद्धाभाव और विधि-विधान से पूजा अर्चना करते हैं। महादेव उन भक्तों पर अपनी कृपा बरसाते हैं और उनके असंभव कार्यों को भी संभव बना देते हैं।
क्यों प्रिय है सावन माह
भगवान शिव को सावन का महीना प्रिय होने के पीछ एक रोचक कथा है। मान्यता के अनुसार, सावन माह से ही मां पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर व्रत करना शुरू किया था। मां पार्वती की भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। सावन माह में महादेव का जलाभिषेक व रुद्राभिषेक करने का विशेष महत्व होता है। सावन माह के दौरान जो भी भक्त भगवान शिव की पूजा-अर्चना करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस बार सावन में 8 सोमवार पड़ रहे हैं। जिनमें से सावन का पहला सोमवार 10 जुलाई को पड़ेगा।
ऐसे करें पूजा
अगर आप भी सावन सोमवार का व्रत कर रहे हैं तो सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कर लें। फिर पास के शिव मंदिर में जाकर भगवान शिव को सफेद फूल, अक्षत, चंदन, भांग, धतूरा, बेलपत्र, धूप, दीप, पंचामृत आदि अर्पित करें। इसके साथ ही पंचामृत से भगवान भोलेनाथ का रूद्राभिषेक करते हुए 'ऊँ नम: शिवाय' मंत्र का जाप करें। फिर शिव चालीसा का पाठ करें। इसके बाद भगवान भोलेनाथ, मां पार्वती और भगवान गणेश की आरती करें। भोग में फल, मेवा व मिष्ठान्न आदि अर्पित करें।
सावन सोमवार व्रत महत्व
सावन के महीने में कठोर तपस्या कर मां पार्वती ने भगवान शंकर को अपने पति के रूप में प्राप्त किया था। ऐसे में जो भक्त सोमवार व्रत करने के साथ ही विधि-विधान से महादेव की पूजा-अर्चना करते हैं। भगवान शिव उनकी हर मनोकामना पूरी करते हैं। वहीं जो कुंवारी लड़कियां सावन के सोमवार का व्रत करती हैं और मां पार्वती और महादेव की पूजा-आराधना करती हैं। उन्हें मां पार्वती और भगवान भोलेनाथ मनवांछित जीवनसाथी का आशीर्वाद देते हैं।